राजस्थान जैन सभा ने किया आर्यिका श्री को श्रीफल भेंट
जयपुर। जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मंदिर में दस लक्षण पर्व के दूसरे दिन बालयोगिनी आर्यिका विशेष मति माताजी के सानिध्य में मार्दव धर्म की पूजा भक्ति भाव के साथ हुई । प्रबन्ध समिति अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया कि प्रातः मण्डल पर विश्व शान्ति हेतु बीजाक्षर युक्त शान्तिधारा करने का सोभाग्य जिनेंद्र जैन, डाॅ इंद्र कुमार जैन, राकेश व राजेंद्र ठोलिया को तथा वेदी पर महावीर पाटनी व राकेश बाकलीवाल को मिला। मन्दिर जी में नित्य पूजन विधान के साथ पंचमेरु की पूजन भी की गई। यह पूजन पाँच दिन की जाती है जिसमे पाँचों मेरु संबंधी अस्सी जिनधाम की सब प्रतिमाओ को नमन किया गया है। राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष सुभाष पांड्या, महामन्त्री मनीष बैद, श्रेष्ठीजन अशोक नेता ,महेश काला तथा भानु छाबड़ा ने आर्यिका माताजी को वन्दामी कर सभा के एक अक्टूबर को होने वाले क्षमावाणी महोत्सव में आने हेतु श्रीफल भेंट कर निवेदन किया तथा समाज को अधिक से अधिक सहभागिता हेतु कहा। सभी अतिथियों का प्रबंध समिति ने अभिनंदन किया। आर्यिका श्री ने अपने प्रवचन में कहा कि मार्दव अर्थात् मान एक प्रकार का ज़हर है। उन्होंने मान के तीन रूप सम्मान, स्वाभिमान व अभिमान को उदाहरण के साथ समझाया तथा कहा कि मान महाविषरूप, करहि नीच-गति जगत में कोमल सुधा अनूप, सुख पावे प्राणी सदा।।