विश्व मैत्रिता और प्रेम मितव्ययता का महापर्व है, क्षमापना: महासती धर्मप्रभा
सुनिल चपलोत/चैन्नई। विश्व मैत्री और मितव्ययता का पर्व है, क्षमापना। बुधवार साहूकारपेट जैन भवन मे क्षमायाचना समारोहो मे महासती धर्मप्रभा ने हजारों श्रध्दांलूओ को महामंगल पाठ प्रदान करतें हुए कहा कि क्षमा सभी धर्मों का आधार है,और क्षमा नफरत का निदान है। क्षमादान और क्षमा याचना दोनों ही महानता की निशानी हैं। समर्थवान मनुष्य ही क्षमा करना जानता है।जो दुर्बल होता वह कभी क्षमा नहीं कर सकता।क्षमा हमारे मन की कुंठित गांठों को खोलती है,और दया,सहिष्णुता, उदारता,संयम और संतोष को विकसित करती है। क्षमा याचना मानवता के लिए वो वरदान है।जिससे मनुष्य नामुमकिन काम भी मुमकिन बना सकता है परमात्मा को अपना सकता है क्षमा याचना भी एक तप के समान है,जिससे हमारे अशुम कर्म तो नष्ट होते है जीवन मे सदगुण आ जाते है। श्री संघ साहूकार पेट के कार्योध्यक्ष महावीरचन्द सिसोदिया ने जानकारी देतें हुए बताया क्षमायाचना दिवस के पावन अवसर पर चैन्नई महामनगर के कहीं उप नगरों एवं नगर के हजारों श्रध्दांलूओ के साथ एस. एस.जैन संघ साहूकारपेट के अध्यक्ष एम.अजित राज कोठारी,महामंत्री सज्जनराज सुराणा,एन. राकेश कोठारी,पदमचन्द ललवानी,सुरेश डूगरवाल, माणकचंद खाबिया,बादलचन्द कोठारी,जितेन्द्र भंडारी,शांतिलाल दरड़ा,महावीर कोठारी,देवराज लुणावत,मोतीलाल ओस्तवाल,शम्भूसिंह कांवडिया, अशोक सिसोदिया,अशोक कांकरिया,सुभाष काकलिया आदि पदाधिकारियों के साथ जय संस्कार महिला मंडल जैन संस्कार युवा मंच आदि सभी ने महासती धर्म प्रभा,साध्वी स्नेहप्रभा से सामूहिक रूप मे मिच्छामी दुकक्ड़म करते हुए सभी ने एक दुसरे से हांथ जोड़ कर और गले मिलकर विनम्र भाव से क्षमायाचना मांगी।क्षमावाणी से पूर्व अनेक भाईयो और बहनों आठ उपवास के साध्वी वृंद से प्रत्याख्यान लिए जिनका श्री संघ पदाधिकारियों ने शोल माला पहनाकर बहूमान किया ओर तपस्या की अनूमोदना की गई। क्षमापर्व के दिवस सागरमल कोठारी,राजेंद्र सिंघवी पृथ्वीराज वाघरेचा,जसराज सिंघवी,मोहनलाल बोहरा,दीपचंद कोठारी,रेखराज बाघमार,ललित मकाणा आदि गणमान्य अतिर्थीयो की उपस्थिति रही प्रवक्ता सुनिल चपलोत ने बताया कार्यक्रम का संचालन सज्जनराज सुराणा द्वारा किया गया।