सुनील चपलोत/चैन्नई। संवत्सरी आत्म शुद्धि और कर्मो की निर्जरा का पर्व है। मंगलवार साहूकार पेट जैन भवन मे अष्टदिवसीय पर्यूषण महापर्व के अंतिम दिवस साध्वी धर्मप्रभा ने पर्यूषण में धर्म आराधना और साधना करने वालें सभी श्रध्दांलूओ को आयोजित सभा में धर्म उपदेश देतें हुए कहा कि अंहिसा, प्रेम, सद्भावना एवं मैत्री का महामंगलकारी पर्व है संवत्सरी क्षमापना। संवत्सरी हमारे जीवन के निरीक्षण और आत्म -परीक्षण का पर्व है। संवत्सरी तभी मनाना हमारे लिए सार्थक होगा जब हम अपने राग द्वेष वैर भाव को भूलकर सभी जीवों के प्रति प्रेम और विनय के साथ जो हम से रूठ गये थे उनसे हम मिच्छामी दुककड़म बोलकर माफी मांग लेते है और माफ करके रूठ चुके भाईयो को हम उन्हे गले लगा लेते है तो यह संवत्सरी क्षमायाचना का पर्व हमारे जीवन का तो नव निर्माण कर देगा और हमारी आत्मा को उज्जवल और पवित्र बना देगा। साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा कि हमारा जीवन तभी सफल बन सकता है जो भी कर्म हमने कियें है चाहे वह अच्छे हो या बुरे,उन कर्मो की अलोचना हम मन वचन से करते है सभी जीवों और मित्रो से हम क्षमा मांग लेते है तो हमारा पयूर्षण संवत्सरी महापर्व मनाना सार्थक सिध्द हो जाएगा। श्रीसंघ के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने बताया कि संवत्सरी पर्व पर सैकड़ों बहनों और भाईयो ने दस आठ और पांच उपवास के अलावा सभी श्रावक श्राविकाओं ने महासती धर्मप्रभाजी से एक उपवास के प्रत्याख्यान लिये। बड़ी तपस्या करने वाले सभी तपस्यार्थीयो का साहूकार पेठ श्री एस. एस. जैन संघ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी महामंत्री सज्जनराज सुराणा, एन. राकेश कोठारी, हस्तीमल खटोड़, माणकचन्द खाबिया, देवराज लुणावत, पदम चन्द ललवानी,महावीर कोठारी,जितेन्द्र भंडारी, बादल कोठारी,मोतीलाल.ओस्तवाल,रमेश दरडा, शांतिलाल दरडा, शम्भूसिंह कावड़िया, अशोक सिसोदिया, अशोक कांकरिया, सुभाष कांकलिया आदि पदाधिकारियों एवं जय संस्कार महिला की बहनो द्वारा सभी तपस्या करने वालो को शोल माला पहनाकर स्वागत किया गया। धर्मसभा से पूर्व जयंतीराज,पृथ्वीराज वागरेचा ने नवकार महामंत्र के जाप का कलश तथा नेमीचन्द बोहरा ने महामंत्र नवकार की तस्वीर ओर बाजोट एवं जसराज सिंघवी पैसिठिया जाप का कलश ओर मैंना देवी देवी डूंगरवाल ने बाजोट-पैसिठिया की तस्वीर आदि ने बोली लेकर अपने अपने घरों पर कलश और तस्वीर की स्थापना की। शायकाल सभी भाई बहनो ने पर संवत्सरी का अलग-अलग स्थानो पर सामूहिक रूप से प्रतिक्रमंण करते हुए सभी एक दुसरे से क्षमायाचना मांगी। बुधवार साहूकार पेट जैन भवन मे प्रातः 7:30 बजे साध्वी धर्मप्रभा साध्वी स्नेहप्रभा के सानिध्य मे विशाल रूप से क्षमायाचना पर्व मनाया जाएगा। धर्मसभा का संचालन सज्जनराज सुराणा एवं हस्तीमल.खटोड द्वारा किया गया।