पुण्य की ओर प्रेरित करते है दसलक्षण महापर्व: आचार्य विवेक सागर महाराज
अनिल पाटनी/अजमेर। दसलक्षण महापर्व के प्रथम दिन उत्तम क्षमा धर्म पर आचार्य विवेक सागर महाराज ने गोधों की नसियां में प्रवचन करते हुए कहा कि जो हमारी आत्मा को पवित्र करता है विशुद्ध करता है उसका नाम पर्व है, पर्युषण महापर्व में दस लक्षण धर्म की आराधना की जाती है, ये पर्व हमें धर्म की प्रेरणा देते हैं एवं पुण्य की ओर प्रेरित करते है,हमें पर्युषण पर्व मनाने का अवसर मिल रहा है।इन दस दिनों मे भगवान ने हमें अपने – अपने दिल की सफाई का अवसर दिया है। आचार्य महाराज ने कहा क्रोध एक प्रकार का नरक है और क्षमा एक प्रकार का स्वर्ग।
संगीतमय पर्व विधान पूजन
पदम चन्द सोगानी ने बताया उत्तम क्षमा धर्म पर प्रात जिनेंद्र अभिषेक, शांतिधारा तत्पश्चात संगीतमय विधान पूजन के मांडले पर मुख्य मंगल कलश मनोज – अभिषेक कोलानायक एंव चतुर्थकोण मंगल कलश की स्थापना मुकेश पाण्डया, अरूण गोधा,राकेश पालीवाल व सुशील बाकलीवाल परिवार ने की लोकेश ढिलवारी आदि स्वर लहरीयो द्वारा संगीयमय पूजन मे उपस्तिथि श्रदालुओं ने मांडले पर अर्घ समर्पित किये। समिति अध्यक्ष सुशील बाकलीवाल, कोमल लुहाड़िया, विनय पाटनी, ललित पाण्डया आदि ने सभी सहयोगी परिवार को अभिन्नदन पत्र देकर स्वागत किया।
“शील सुन्दरी अन्नतमती” नाटिका का मंचन
समिति अध्यक्ष सुशील बाकलीवाल ने बताया पंचायत छोटा धड़ा नसियां में सांय जिनेन्द्र महाआरती तत्पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत “निशांत आर्ट ग्रुप दिल्ली” के सुप्रसिद्ध कलाकारो द्वारा आध्यात्मिक एवं प्रेरणादायी “शील सुन्दरी अन्नतमती”नाटिका का मंचन किया एंव उपस्तिथि श्रदालुओं मे से ड्रा द्वारा 5 भाग्यशालीयों का चयन कर पुरस्कार प्रदान किये। इस अवसर पर समिति के सुशील बाकलीवाल, कोमल लुहाड़िया,विनय पाटनी, नितिन दोसी, नरेन्द्र गोधा,ललित पाण्डया, लोकेश ढिलवारी, गौरव लुहाड़िया आदि उपस्थित थे।