माफी मांगने वाले से बड़ा माफ करने वाला इंसान बड़ा होता है
भीलवाड़ा। माफी मांगने वाले से बड़ा माफ करने वाला इंसान बड़ा होता है।मंगवार अहिंसा भवन मे पर्यूषण के अंतिमदिवस संवत्सरी महापर्व पर महासती प्रितीसुधा ने हजोरो श्रध्दांलू ओं एवं तपस्यार्थीयो को सम्बोधित करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को अपने गीले शिकवे मिटाकर जीवन और रिश्तों की नई शुरूआत करने का दिन है,क्षमा मांगने वाले से क्षमा करने वाला बड़ा होता है। इस संसार मे ऐसा कौई भी मनुष्य पैदा नहीं हुआ है जो मरने के बाद अपने साथ लेकर कुछ गया हो जब इंसान ही नहीं रहेगा तो उसकी गलतियों का हम क्या करेंगे।हम अपने वैर भाव को भूलाकर आगे बढ़गे तभी हम इस मानव भव को सार्थक बना सकते है। साध्वी संयम सुधा ने कहा कि पर्यूषण मे हम कितनी भी तपस्या और साधना करले अगर हमारे मन में कपट और क्षमा की भावना नहीं है तपस्या और साधना का फल हमे नहीं मिलने वाला है आपसी मतभेद और रंजिशें को खत्म करके हम रिश्तो की नई शुरूआत हम करेगे तो हमारा वर्तमान और भविष्य को सुधर जाएगा। अहिंसा भवन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल अशोक पोखरना ने बताया जानकारी देते हुए बताया कि पयूर्षण के अंतिम संवत्सरी दिवस पर हजारों श्रध्दांलूओ ने एक उपवास साथ कही बड़ी तपस्याओं के साध्वी प्रितीसुधा से प्रत्याख्यान लिए थे। बड़ी तपस्या करने वाले सभी तपस्यार्थीयो का श्रीसंघ के मीठ्ठालाल सिंघवी,उमरावसिंह संचेती, दिनेश गोखरू,हेमन्त आंचलिया,नवरतनमल बम्ब सुशील चपलोत,रिखबचन्द पीपाड़ा,डॉ.राजेंद्र लोधा,सुरेश सिंघवी विनीत गुगलिया,गजेंद्रसिंह पोखरना,जतिनजैन मनोहरसिंह मेहता,शांतिलाल मेडतवाल,अशोक चौधरी,अनिल लोढ़ा विनोद बोहरा,पारस कोठारी हिम्मत सिंह बापना अशोक गुगलिया एवं महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल,उमा आंचलिया,मंजू पोखरना, संजूलता बाबेल, रजनी सिंघवी सरोज महता आदि सभी ने तपस्वीयो को शोल माला पहनाकर स्वागत किया। निलिष्का जैन.बताया कि शायकाल भाई और बहनो ने अलग अलग स्थानो पर प्रतिक्रमंण किया । बुधवार को सभी श्रध्दांलू प्रातः अहिंसा भवन मे साध्वी वृंद के सानिध्य मे एक दुसरो से क्षमायाचना करेगें।
प्रवक्ता निलिष्का जैन