गुंसी, निवाई। श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी के तत्वावधान में दस लक्षण पर्व के शुभ अवसर पर प्रथम दिन श्री दशलक्षण महामण्डल विधान के अंतर्गत उत्तम क्षमा धर्म की पूजन कराने का सौभाग्य महेश मोटूका वाले निवाई वालों को प्राप्त हुआ । गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी के मुखारविंद से वृहद शान्तिधारा कराने का सौभाग्य णमोकार जैन जयपुर , सुनील भानजा निवाई , राजेश बनेठा वाले निवाई वालों को प्राप्त हुआ। गुरु भक्तों द्वारा गुरु माँ के पाद – प्रक्षालन , शास्त्र भेंट का कार्यक्रम हुआ । मंडल पर 14 अर्घ्य चढ़ाकर शांतिनाथ भगवान की संगीतमय पूजन की गई । तत्पश्चात मंगल आरती उतारी गई। माताजी ने प्रवचन सभा मे उपस्थित श्रद्धालुओं को समझाते हुए कहा कि – क्रोध की अग्नि को शांत करने के लिए क्षमा रूपी जल का सिंचन करना होगा। क्रोधी व्यक्ति को कोई पसन्द नहीं करता । क्रोध इंसान के रिश्तों को तोड़ने का काम करता है । एक बार के क्रोध करने से 24 घंटे की आयु नष्ट होती है। माइग्रेन , हाई ब्लड प्रेशर , हार्ट अटैक जैसी बीमारियां घेर लेती है । अतः मनुष्य को समझदारी से काम लेना चाहिए । प्रत्येक जीवों पर क्षमा भाव धारण कर क्रोध को नियंत्रण में लाना ही क्षमा धर्म का उद्देश्य है।