जी हां, घर पर शुगर जांच करने और लैब में शुगर जांच कराने में कुछ अंतर होते हैं। ये अंतर निम्नलिखित हो सकते हैं:
तरीका: घर पर शुगर जांच करने के लिए आप अक्सर ग्लाइकोमीटर नामक डिवाइस का उपयोग करते हैं, जबकि लैब में शुगर जांच कराने के लिए एक नमूना लेने के बाद आपका नमूना विशेष उपकरणों के साथ परीक्षित किया जाता है।
प्रामाणिकता: लैब में शुगर जांच कराने का परिणाम अक्सर घर पर किए गए जांच के मुकाबले अधिक प्रामाणिक माना जाता है, क्योंकि यहां परीक्षण का प्रयोगी उपकरणों और विशेषज्ञता का संयोजन होता है।
नमूना: घर पर शुगर जांच के लिए आप अक्सर उंगली के छुआए गए खून का नमूना लेते हैं, जबकि लैब में शुगर जांच कराने के लिए आपके ब्रदर नमूना लेने में विशेषज्ञता रखते हैं, जिससे परीक्षण की ज्यादा सटीकता होती है।
समय: घर पर शुगर जांच करने के लिए तुरंत परिणाम प्राप्त कर सकते हैं, जबकि लैब में परीक्षण के परिणाम को प्राप्त करने में थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि नमूना लेने और टेस्टिंग के लिए नमूना को लैब भेजने का प्रक्रिया होता है।
इन अंतरों के बावजूद, घर पर शुगर जांच करना आपको अपने शुगर के स्तर का संवेदनशीलता प्रदान कर सकता है, जबकि लैब में शुगर जांच कराना आपको अधिक सटीक परिणाम प्रदान कर सकता है। आपके चिकित्सक के साथ मिलकर आपको सबसे उपयुक्त जांच का चयन करना चाहिए।