भीलवाड़ा। गुणगान और दया सामायिक करके मनाया श्रमणसंघ के आचार्य शिव मुनि महाराज का जन्मोत्सव।रविवार अहिंसा भवन शास्त्री नगर मे पर्यूषण महापर्व के छठे दिवस साध्वी प्रितीसुधा ने वर्तमान आचार्य शिव मुनि के जन्मदिवस पर तपस्या करने वाले अराधको को सम्बोधित करते हुए कहा कि ध्यानयोगी शिव मुनि महाराज कुशल आचार्य के साथ आप मे कही गुण विद्यमान है। आपका जन्म पंजाब प्रांत के रानियां गांव मे धनाढ्य परिवार मे हुआ। उच्च शिक्षा प्राप्त करने प्रश्चात राष्ट्र संत ज्ञान मुनि के प्रवचनों से प्रभावित होकर आपने संयम अंगीकार किया। और आपकी सेवा और समर्पण तथा सादगीमय व्यवहार,विद्वत्ता को देखते हुए संतो के सम्मेलन में आचार्य आत्माराम जी महाराज ने सभी संतो की एक राय से आपको युवाचार्य बनाया गया। आपने आचार्य बनने के बाद सम्पूर्ण भारत मे एक नई दिशा प्रदान करते हुए संतो और समाज को संगठन एकता के सूत्र मे बांधकर भगवान महावीर स्वामी उपदेशों को जन जन तक पहुंचाया और युवापीढ़ी को ध्यान से जोड़कर धर्म के नई राह दिखाई। वर्तमान समय मे आपश्री ने सभी संप्रदायों के संतों आपसी मतभेदों को भूलाकर संवत्सरीपर्व एक साथ मनाने वाले है। इस दौरान पर्यूषण धर्मसभा मे अहिंसा भवन के प्रमुख मीठ्ठालाल सिंघवी अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह बाबेल,अशोक पोखरना,हेमन्त आंचलिया,ललित बाबेल लक्ष्मणसिंह पोखरना, रिखब चंद पीपाड़ा ,ओमप्रकाश सिसोदिया सरदारसिंह कावड़िया हिम्मतसिंह बापना एवं महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल,मंजू पोखरना,रजनी सिंघवी,संजूलता बाबेल,उमा आंचलिया,मंजू बापना,लाड़जी महता, अंजना सिसोदिया आदि सभी ने शिवमुनि महाराज के जन्मदिवस पर अपने विचार व्यक्त किये। निलिष्का जैन बताया इस दौरान अनेक बहनो और भाईयो ने आठ,सात,पांच उपवास के साध्वी प्रिती सुधा से प्रत्याख्यान लिए सभी तपस्वीयो का श्री संघ के पदाधिकारियों ने बहूमान किया। तथा आचार्य श्री की जन्मजयंती के उपलक्ष्य मे दया पांच पांच सामायिक की साधना सभी की। चंदन बाला महिला मंडल द्वारा ग्रुप भजन प्रतियोगिता रखी गई जिसमे 150 से अधिक बहनो और भाईयो ने भाग लिया। दया व्रत करने वाले सभी तपस्यार्थीयो की व्यवस्था हेमन्त आंचलिया द्वारा अहिंसा भवन मे की गई।
प्रवक्ता निलिष्का जैन