प्रभु महावीर का जन्मोकल्याण महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
सुनिल चपलोत/चैन्नई। संसार मे अच्छे कर्म करते रहना चाहिए व्यर्थ की बातों मे मनुष्य को सुरदुलर्भ समय को नष्ट नहीं करना चाहिए।शनिवार साहूकार पेट जैनभवन मे पर्यूषण महापर्व के पंचदिवस धर्म आराधना करने वाले सभी श्रध्दांलूओ को महासती धर्मप्रभा ने सम्बंधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की सिखाई गई बातें उस समय अर्जुन के लिए जितनी महत्वपूर्ण थी,आज भी वह उपदेश सम्पूर्ण मानव जाति के उत्थान और युवाओं के लिये श्री कृष्ण के सक्सेस का मंत्र है। मनुष्य भी श्रीकृष्ण बतायें गये धर्म के पथ पर मनुष्य चलता है तो वह अपने जीवन कितने भी संकट वो हार नहीं सकता है।श्री कृष्ण आशावादी थें,निराशा उनसे कोशो दूर थी। कृष्ण का सम्पूर्ण जीवन हमे प्रेरणा देता है की मनुष्य को स्वयं को ईश्वर में लीन कर देना चाहिए। ईश्वर के सिवाय संसार मे मनुष्य का कोई भी नहीं है।आत्मा अकेले ही संसार मे आई थी अकेले ही जाएगी। श्री कृष्ण की इन बातों और सिध्दांतों पर चलने वाला मानव इस संसार मे कभी भटक नही सकता है। साध्वी स्नेहप्रभा ने प्रभु महावीर स्वामी के जन्मोकल्याण महोत्सव श्रध्दांलूओ से कहा कि महावीर किसी जाति सम्रदांय पथ के नहीं सम्पूर्ण मानवजाति के थे,उन्होंने सभी जीवों के उत्थान और कल्याण केलिए जीवो और जीने दो का अहिंसा का उपदेश देकर सत्य की राह दिखाई थी।
एस.एस.जैन संघ साहूकारपेट के कार्याध्यक्ष महावीरचन्द सिसोदिया ने बताया अनेक बहनों और भाईयो ने बड़ी तपस्या के प्रत्याख्यान लिए थे सभी तपस्यार्थीयो का श्री संघ के अध्यक्ष एम. अजितराज कोठारी,सज्जनराज सुराणा,सुरेशचन्द डूगरवाल,माणक चन्द खाबिया,हस्तीमल खटोड़, बादल कोठारी,जितेन्द्र भंडारी,रमेशचंद दरड़ा, महावीर कोठारी,पदमचन्द ललवाणी,शम्भूसिंह कावड़िया,अशोक सिसोदिया आदि सभी ने तपस्वीयो का स्वागत किया। इसदौरान प्रभु महावीर के जन्मो कल्याण महोत्सव पर संस्कार महिला शाखा की बहनों द्वारा नाटिका का मंचन किया गया। पर्यूषण चौविहार भोजन प्रसादी मे हजारोँ श्रध्दांलूओ के साथ चेन्नई के कही उपनगरों के श्रावक श्राविकाओं ने भोजन प्रसाद प्राप्त किया।