गुंसी, निवाई। भारत गौरव गणिनी आर्यिका 105 विज्ञाश्री माताजी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि जब बर्तन खराब होता है तो मांजकर साफ कर लेते हैं। चेहरा खराब होता है तो हम धोकर सही कर लेते हैं लेकिन आखिर कौनसा उपाय है जिससे कि हम अपने आपको सही कर लें। सबसे पहला कदम, सबसे पहला उपाय अपने आपको पहचान लें। मानव सारी दुनिया को जानता है पर खुद से अनजान है। खुद को जानने से ही जीवन में राहत मिलेगी। श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी के तत्वावधान में शांतिनाथ भगवान की शांतिधारा करने भक्तों का मेला लगा था। मालपुरा, निवाई, कोटा, जयपुर से लोगों ने आकर भक्ति का आनन्द लिया। प्रथम शान्तिधारा करने का सौभाग्य पदमचंद टोंग्या निवाई वालों को प्राप्त हुआ। सोलहकारण व्रत की पूजन बड़े ही भक्तिभावों के साथ अरविंद ककोड़ एवं हितेश छाबडा निवाई ने सम्पन्न करायी। निवाई महिला मंडल ने गुरु माँ का उपवास के पश्चात का पारणा निर्विघ्न सम्पन्न कराया। आगामी 19 सितम्बर से दशलक्षण विधान में एक – एक पुण्यार्जक परिवार द्वारा विधान का आयोजन किया जायेगा।