Saturday, November 23, 2024

पर्यूषण महापर्व के तृतीय दिवस पर अहिंसा भवन में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

मां -बाप की सेवा परमात्मा के सम्मान है : महासती प्रितीसुधा

भीलवाड़ा। मां -बाप की सेवा परमात्मा के सम्मान है गुरूवार अहिंसा भवन शास्त्री नगर मे पयूर्षण महापर्व तृतीय दिवस महासती प्रितीसुधा ने हजारों श्रध्दांलूओ एवं पर्यूषण पर्व की साधना और उपासना करने वाले श्रावक श्राविकाओं को धर्म उपदेश प्रदान करतें हुए कहा कि भी देवी देवताओ की शक्ति माँ शब्द और माँ के शरीर मे छुपी हुई है अगर घर में कोई दुःख आता है,तो माँ कभी हार नहीं मानती।माता देवी का दूसरा स्वरूप है माँ अपने बच्चों की खुशीयो के लिए कुछ करने के लिए तैयार रहती है माता की ममता में किसी भी प्रकार का छल-कपट और उंच-नींच नहीं होती है। ओर नाहि कोई स्वार्थ छिपा होता है। बिना स्वार्थ से माँ का प्रेम हमे मिलता है।दुनिया मे हम कितने भी बड़े आदमी बन जाए लेकिन हम मां-बाप के सामने बच्चे ही रहेगे मनुष्य यह भूल जाता है और वह मां-बाप की कदर नहीं करता मनुष्य चाहे कितना ही धन दौलत कमा ले लेकिन मां-बाप का ऋण कभी नहीं चुका सकता है माता की ममता का इस दुनिया मे कोई मोल या तोल नहीं कर सकता है।जिस माँ बाप ने हमे जन्म दिया हमारे लिए जाने कितना कुछ किया खुद भुखे रहे पर हमे खिलाया हमारे प्राणों की रक्षा के लिए न जाने कितने जप तप किये आज वही माँ बाप हमसे दुखी है। जो इंसान अपने माँ बाप को सुख नहीं दे सकता है वह व्यक्ति जीवन मे कितना भी दान पुण्य तप त्याग और पूजा पाठ करले उस इंसान को परमात्मा भी माफी नहीं करते है,और नाहि अपनी शरण मे लेते है। साध्वी सयंम सुधा नेअंतकृतदशा सूत्र का वांचन करते हुए बताया कि माँ बाप का कर्ज इस दुनिया मे कौई नहीं उतार सकता है।पर्यूषण के तृतीय दिवस सैकड़ों श्रावक श्राविकाओं ने साध्वी प्रितीसुधा से उपवास के प्रत्याख्यान लिए। तथा बड़ी तपस्या करने वाले तपस्यार्थीयो को अहिंसा भवन शास्त्री नगर के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल अशोक पोखरणा,हेमन्त आंचलिया,रिखबचंद पीपाड़ा, सुशील चपलोत,कूशलसिंह बूलिया,जसवंतसिंह डागलिया, हिम्मतसिंह बाफना,सरदारसिंह कावड़िया, शांतिलाल कांकरिया, ओमप्रकाश सिसोदिया,संदीप छाजेड़ एवं महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल,मंजू पोखरना,संजूलता बाबेल,रजनी सिंघवी,मंजू बापना,उमा आंचलिया विनीता बाबेल वंदना लोढ़ा,अंजना सिसोदिया, सुनीता झामड़,सरोज मेहता,सुमित्रा सिंघवी, रश्मि आदि सभी ने तपस्वीयो को शोल माला पहनाकर बहूमान किया। निलिष्का जैन बताया की दोपहर जयमहावीर स्वास्तिक प्रतियोगिता आयोजन रखा गया। प्रतियोगिता भाग लेने वाले महिला की द्वारा पारितोषिक दिये गये तथा प्रवचन मे पधारने सभी श्रध्दांलूओ क़ो लक्ष्म सिंह अनुराग बाबेल की ओर प्रभावना दि गई ।
प्रवक्ता : निलिष्का जैन

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