जैनियों का पर्व नही सम्पूर्ण मानव जाति का पर्व है पर्वाधिराज पयूर्षण महापर्व: महासती धर्मप्रभा
सुनिल चपलोत/चैन्नई। सभी पर्वो का राजा पर्वाधिराज पयूर्षण महापर्व। मंगलवार साहूकार पेठ श्री एस. एस.जैन भवन के मरूधर केसरी दरबार में महासती धर्मप्रभा ने अष्टदिवसीय पर्यूषण पर्व के प्रथम दिवस पयूर्षण पर्व मे धर्म आराधना करने वालें सैकड़ों श्रध्दांलूओ को धर्म उपदेश देते हुए कहा कि आत्मा पर कर्म रूपी मैल एवं अपने आपसी रंजिशो मत भेदों और राग द्वेष को भूलाने के साथ मन मे पड़ी उन गांठो को खोले का पर्व है,यह पर्यूषण महापर्व। पर्युषण आत्म जागरण का संदेश देता है।और हमारी सोई हुई आत्मा को जगाने साथ आत्मा द्वारा आत्मा को पहचानने की शक्ति प्रदान करता है। पयूर्षण जैनियों का पर्व नही सम्पूर्ण मानव जाति पर्व है जिसमे आत्मा की उपासना करके कर्मो कि निर्जरा की जाती है। पयूर्षण मे जो मनुष्य श्रध्दां भाव और मैत्री के साथ मन वचन से पयूर्षण की आराधना करता वह व्यक्ति अपनी आत्मा को सर्वश्रेष्ठ बनाकर इस आत्मा को मोक्ष दिला सकता है।साध्वी स्नेहप्रभा ने अतंगडदशा सूत्र का वांचना करतें हुए कहा कि परमात्मा की वाणी में राग द्वेष नहीं होता है वितराग वाणी हमारे अंतर आत्मा को जाग्रत करती है,और हमे समस्त दुखों से छुटाकारा दिलाने एवं हमारी आत्मा पर जमे मेल को हटाने का प्राणियों को सदमार्ग दिखाती है। श्री संघ साहूकार पेठ के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने जानकारी देते बताया की पयूर्षण के प्रथम दिवस अनेक भाई और बहनों ने उपवास एवं एकासन आयंबिल आदि के सामूहिक प्रत्याख्यान लिए थें इसदौरान धर्मसभा चैन्नई महानगर के अनेक उप नगरों के श्री संघो के श्रध्दांलूओ के साथ श्री एस.एस.जैन संघ के अध्यक्ष एम.अजिराज कोठारी महामंत्री सज्जनराज सुराणा,पदमचन्द ललवाणी,हस्तीमल खटोड़,सुरेश डूगरवाल,महावीर कोठारी, जितेन्द्र भंडारी,बादल कोठारी, देवराज लुणावत,माणक खाबिया, रमेश दरड़ा,शांतिलाल दरड़ा, शशम्भूसिंह कावड़िया,अशोक सिसोदिया अशोक कांकरिया भरत नाहर, महावीर ललवानी आदि पदाधिकारियों के साथ गणमान्य अतिर्थीयो मे महेश भंसाली,दीपचन्द कोठारी, विजयराज कोठारी,अमर चन्द कोठारी,सागरमल कोठारी, प्रेमचन्द कोठारी,प्रकाश कोठारी पूर्व राष्ट्रीय महिला जैन कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षा रतनीबाई महता और तमिलनाडु युवा जैन कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष आनंद बालेचा आदि सभी की उपस्थित रही। धर्मसभा से पूर्व जैन भवन मे प्रातःकाल शुभवेला मे अंखड नवकार महामंत्र का जाप का शुभारंभ किया गया और दोपहर मे कल्पसूत्र का वांचन एवं धार्मिक प्रतियोगिता रखी गई। धर्मसभा संचालन संघ के महामंत्री सज्जनराज सुराणा द्वारा किया गया।