Sunday, November 24, 2024

गरीब धनवान को देखकर ईष्या न करे, प्रमोद भाव करे,ओहो धन्य है: निर्यापक मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज

आगरा। आगरा के हरीपर्वत स्थित श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के अमृत सुधा सभागार में निर्यापक श्रमण मुनिपुगंव श्री सुधासागर जी महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नीतिकारों ने इस प्रकृति और सृष्टि का नाम बड़े सम्मान से लिया वो भी भारतवासी लोगो ने। विदेशी लोग, पाश्चात्य संस्कृति के लोग इस प्रकृति को एक स्त्री के रूप में देखते है और भारतीय लोग इस प्रकृति को माँ के रूप में देखते है। भारतीय जितना साहित्य देखा सभी ने इस सृष्टि को माँ के नाम से सम्बोधन किया। विश्व का कोई भी व्यक्ति अपनी धरती अपने राष्ट्र को माता नही कहता है। क्यों भारत देश को महान कहा जाता है। धन दौलत तो विदेशो में ज्यादा है, भारत मे नही। धन दौलत तो रावण के पास ज्यादा थी श्रीराम के पास नही फिर क्यों रावण की पूजा नही हो पाई। अपने से अधिक गुणवान,अपने से अधिक धनवान, ज्ञानवान, इज्जतवान धर्मात्मा को देखकर ईष्या भाव जागता है, किसी सुखी को देखकर दुखी को ईष्या भाव जागता है तो एक मोटिवेशन ले लो महानुभाव- जो चीज हमें चाहिए है और हमारे पास नही है और जिसके पास है उससे ईष्या करने की अपेक्षा उसको जय जिनेंद्र और प्रमोद भाव करो तो कल हम उस जैसे बन जायेंगे। गरीब धनवान को देखकर ईष्या न करे, प्रमोद भाव करे,ओहो धन्य है। अज्ञानी ज्ञानी को देखकर, असंयमी संयमी को देखकर आनंदित हो, देखो मैं असंयमी हूँ और ये इसी पंचमकाल में ये संयम का पालन कर रहे है। ईष्या भाव नही,आनंद भाव लाओ आज तुम असंयमी हो कल तुम्हे संयम लेने का भाव आ जायेगा। जो मुनियों से ईष्या करते है, मुनियों के प्रति द्वेष भाव रखते है इनके जिंदगी में कभी भी संयम लेने का भाव नही आएगा| थोड़ा सा भी त्याग करने का भाव नही आएगा,नियम लेने का भाव नही आएगा। कारण कुछ भी हो,जो नियम लिए है वे भी छोड़ देंगे। छह महीने एक गरीब आदमी अपने से अमीर आदमी से बहुत ईष्या करे, बहुत उसका बुरा सोचे,भगवान को एक श्रीफल चढ़ाए कि भगवन मैं गरीब क्यों इसका दुख नही है ये अमीर क्यों इसका दुख है, इसके यहाँ छापा पड़ जाए, डाका डल जाए तो मैं कर्जा लेकर भी शांतिधारा करूँगा। प्रतिदिन ये भावना करना, छह महीने तक। छह महीने के अंदर अंदर देखना अमीर का कुछ नही बिगड़ेगा, तुम जिस रेखा पर बैठे थे उससे और नीचे आ जाओगे इतने नीचे आ जाओगे कि अभी तो झोपड़ी थी, अब वो भी समाप्त हो जाएगी। कोई अच्छे नंबर ला रहा हो उससे ईष्या करके देखना, आपकी जो डिवीजन इस साल बनी है मेरी गारंटी है अगली साल आपके नम्बर और कम आएंगे क्योंकि तुमने ईष्या की थी, उसके ज्ञान के लिए। हर क्षेत्र में यही लगा लेना अपने से अधिक गुणवान को देखकर यदि ईष्या आये तो समझना हमारे बुरे दिन आ गए। सारे अपशगुन टाले जा सकते है लेकिन गुणवान को देखकर ईष्या आ गयी ये तुम्हारी जिंदगी का निधत्ति निकाचित अपशगुन है। तुम्हारे बुरे दिन आना निश्चित है कोई नही रोक सकता। बुरे कर्म करने वाले को निधत्त- निकाचित कर्म का बन्ध हो ये कोई जरूरी नही, इसके उपाय है, लेकिन ईष्या करने के लिए कोई काट नही है। अज्ञानी होना कोई बड़ा पाप नही है लेकिन ज्ञानी से ईष्या करने बराबर कोई पाप दूसरा नही है। अंधा होना कोई पाप नही है लेकिन नेत्रवानो से ईष्या मत करना, ये सबसे बड़ा पाप है। छह महीने हर गरीब अमीर को देखकर खुश होवे और जय जिनेंद्र करे और शगुन मान लेवे आज मेरा बहुत शुभ दिन है, निकलते ही सेठ जी का दर्शन हो गया,छह महीने कर लीजिए आप गरीबी की रेखा से ऊपर उठ जायेगे। आहार देने में कोई पुण्य नही है महानुभाव,आहार देते समय जो तुम्हें अहोभाग्य आया, मैंने कितना पुण्य किया जो महाराज की अंजुली में मैंने एक ग्रास रख दिया वो जो आनंद उमडा वही पुण्य है। मुनि बनने में कुछ नही रखा है व्रत,नियम लेने में कुछ नही रखा है,मंदिर आने में कुछ नही रखा और मन्दिर आते ही जैसे तुम्हे भाव आया अहोभाग्य मेरे उदय आओ, दर्श प्रभु जी को लख लियो,जो रोम रोम पुलकित हुआ है वो निधत्त निकाचित पुण्य बन्ध। धर्मसभा से पूर्व मिट्ठनलाल जैन एवं संजय जैन परिवार विजय नगर एवं मोहन स्वरूप जैन एवं विशाल जैन आगरा परिवार द्वारा मुनिश्री का पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट किया,साथ ही संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्वलन किया। विमलेश जैन आगरा एवं अजमेर से आए गुरुभक्तों ने गुरु को नमन कर भक्ति नृत्य करते हुए मंगलाचरण की मनमोहक प्रस्तुति दी। इस दौरान आगरा दिगंबर जैन परिषद, श्री दिगंबर जैन धर्म प्रभावना समिति एवं श्री दिगंबर जैन शिक्षा समिति के पदाधिकारियों ने एवं दिल्ली से पधारे वीरेंद्र कुमार जैन ने मुनिश्री के चरणों में श्रीफल भेंटकर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया| धर्मसभा का संचालन मनोज जैन बाकलीवाल ने किया। धर्मसभा में प्रदीप जैन पीएनसी निर्मल मोठ्या, दिलीप जैन, मनोज जैन बाकलीवाल, नीरज जैन जिनवाणी, पंकज जैन सीटीवी, पन्नालाल बैनाड़ा, हीरालाल बैनाड़ा ज‌‌गदीश प्रसाद जैन, राजेश जैन सेठी, शुभम जैन मीडिया प्रभारी, राजेश सेठी शैलेन्द्र जैन, विवेक बैनाड़ा, ललित जैन, अमित जैन बॉबी, अनिल जैन शास्त्री, रूपेश जैन, के के जैन, सचिन जैन, अंकेश जैन, समकित जैन समस्त सकल जैन समाज आगरा के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
शुभम जैन, मीडिया प्रभारी

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