यथा नाम यथा गुणो के भंडार थें मेवाड़ केसरी मोहनमुनि जी महाराज: साध्वी प्रितीसुधा
भीलवाड़ा। यथा नाम यथा गुणों के भंडार थें मेवाड़ केसरी मोहनमुनि जी महाराज रविवार को अहिंसा भवन शास्त्री नगर मे मेवाड़ केसरी प्रवर्तक मोहनलाल जी म.सा.के 37 वे पुण्य स्मृति समारोह मे महासती प्रितीसुधा ने गुणगान करतें हुए कहा कि सेवा और त्याग की प्रतिमूर्ति मोहनलाल जी महाराज अच्छे प्रवचनकार के साथ एक तेजस्वी विद्वान आज्ञाकारी संत रतन एवं गुण रत्नों की खान दिव्य आत्मा थें।शाहपुरा के समीप आटोली में ब्राह्मण कुल में जन्म लिया और बाल अवस्था में गुरु भूरालाल जी महाराज साहब से मांडलगढ़ मे संयम लेकर जैन धर्म की सम्पूर्ण मेवाड़ मे अलख जगाते हुए धर्म से विमूख हो चुके प्राणीयों को धर्म की राह दिखाई। गुरूदेव मानवता के मसीहा और अहिंसा के पूजारी थें। आपका व्यक्तित्व ऐसा निराला था कि जो आपके एकबार दर्शन और मांगलिक सुन लेते वो अपने सारे दुखः दर्द भूल जाया करतें थे। छोटिसी मे अवस्था मे आपने 17 शास्त्रों को कंठस्थ याद कर लिये थे। इतने विद्वान होने बावजूद भी मेवाड़ केसरी मे तनिक अभिमान और घमंड नही था। आपने गोकूल चन्द जी महाराज की ज्वर और बिमार अवस्था मे जो मोहन मुनि ने सेवा की वह देखने लायक थी एक बेटा भी अपने मां और बाप की सेवा नहीं कर पाता है। उससे कही अधिक आपने गोकुल चन्द महाराज की सेवा की। साध्वी संयम सुधा ने कहा कि मेवाड़ केसरी का जीवन बेमिसाल था। उन्होने भगवान महावीर स्वामी के अहिंसा के सदेंश को जन जन पहुंचाया था। इसदौरान अहिंसा भवन के मुख्य मार्ग दर्शक अशोक पोखरना,अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल,हेमन्त आंचलिया, रिखबचंद पीपाड़ा, एवं भूपेन्द्र सिंह पंगारिया,मुकेश डांगी सुरेंद्र सिंह चौधरी तथा महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल, संजूलता बाबेल, मंजू बापना आदि ने सभी के स्मृति समारोह मे मेवाड़ केसरी को श्रध्दां सुमन अप्रित करते हुए कहा की गुरूदेव मोहनलाल जी म.सा.के उपकारों को समाज का कौई भी व्यक्ति भूला नहीं पाएगा। गुरूदेव एक अवतारी आत्मा थें। इस दौरान उपनगरों और बाहर के कही गणमान्य श्रावकों के साथ हिम्मतसिंह बापना, संदीप छाजेड़, अमरसिंह संचेती, लक्ष्मण पोखरना, कुशलसिंह बूलिया, जतन सोनी शांतिलाल कांकरिया, पारसमल कोठारी, रतन कोठारी, ओम प्रकाश सिसोदिया, रजनी सिंघवी, सुनीता झामड़, उमा आँचलिया अंजना सिसोदिया, सरोज मेहता, उषा बाबेल, एकता बाबेल, सुनीता झामड़, विपुला जैन, सुशीला छाजेड़ आदि सभी की पुण्य स्मृति समारोह मे उपस्थित रही। निलिष्का जैन बताया स्मृति समारोह मे पधारें सभी श्रध्दांलूओ को प्रसांत-उषा बाबेल मुकुंद दाणी की ओर प्रभावना दी गई।
प्रवक्ता निलिष्का जैन