आगरा। 10 सितंबर को आगरा के हरीपर्वत स्थित श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के अमृत सुधा सभागार में निर्यापक मुनिपुगंव श्री सुधासागर जी महाराज ने मंगल प्रवचन को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में अच्छे और बुरे कार्य से ज्यादा नुकसान नही होता ज्यादा फायदा नही होता। दुनिया मे कोई भी चीज प्रकृति ने बनाई है कितनी ही गंदी क्यों न हो वो तुम्हारा सर्वनाश नही करेगी।कितनी ही अच्छी क्यों न हो वो तो तुम्हे अविनाशी नही बनाएगी। विनाश कौन करता है अविनाशी कौन बनाता है अच्छी वस्तुये या गन्दी वस्तुये,नही। क्यों जीवन मे ऐसे क्षण आते है जिनको तुम चाहते भी नही हो, क्यों नही वो क्षण आते है जिनको तुम चाहते हो। इसका रहस्य हमने कल खोला था। जैसे ही तुम्हें अनुभूति में आये कि मेरे पास प्रकाश है,बस अंधेरे से मत डरना। एक ही बात सोचना ये दीपक न बुझ जाए जो मेरी आत्मा में जला है। भगवान है तो डर कैसा और डर है तो भगवान कहा है। यदि तुम्हे अपनी जिंदगी में कुछ भी डर लग रहा है, मेरी जिंदगी में कुछ भी बुरा हो सकता है समझ लेना आपके पास भगवान नही है आप झूठ और बेइमानी नही कर सकते। पूज्यवर कुन्दकुन्द स्वामी ने कहा तेरे पास भगवान है और उसका थर्मामीटर है तू हर परिस्थिति में निडर है।अग्नि सामने थी और सीता को प्रवेश करना है तब सम्यकदृष्टि कहता है जो बुरा होगा वो मेरे किये हुए कर्म के उदय से होगा और जो अच्छा होगा णमोकार मंत्र की महिमा से होगा,मैं णमोकार मंत्र से विश्वास क्यों हटाऊँ। तुम्हारे पूज्य पुरूष तुम्हारी दृष्टि में कैसे है,क्या आपको लगता है वो महान है,मेरी जिंदगी में बहुत काम के है, मेरी जिंदगी में बहुत शगुन है। उनसे कुछ लेने का भाव नही किया जाता, उनको मात्र दिया जाता है। माँ बाप ने तुम्हे कुछ नही दिया,कभी उलाहना मत देना काय को पैदा किया था, क्या दिया है। माँ बाप इसलिए नही होते है कि हमे उनसे कुछ मिल जाएगा, माँ बाप इसलिए होते है कि हम जो कुछ करेगे उनके पैर छूने से उसमे सफलता मिल जाएगी वो शगुन है, उनको शगुन मानो। वो तुम्हारे मजदूर नही है, नौकर नही है जो तुम्हे कमा कमा के देवे। पूज्य है आदरणीय है। उनसे कुछ पाने की इच्छा करना,उनसे कुछ कार्य करवाना,जिंदगी का सबसे बड़ा अपराध है ये पाप कभी मत करना| बस एक ही वरदान चाहना जिंदगी में कि हमे कोई भी कार्य अपने पूज्य पुरुषों से न करवाना पड़े। भीख मांगना पड़े तो मांग लेना, मजदूरी करना पड़े तो कर लेना लेकिन माँ-बाप को अपने पास इसलिए रखना या उनको मानना कि माँ-बाप मेरे काम आयेंगे।माँ-बाप के पास बहुत वसीयत है,माँ-बाप के पास बहुत हुनर,कला है, माँ-बाप की बहुत इज्जत है,माँ-बाप की हुकूमत है, उनका नाम लेते ही मेरे सारे काम बन जायेंगे,ये सारे विचार खत्म कर दो।महानुभाव भूल मत करना, उनको शगुन मानना,इनका रहना शगुन है, इनके पैर छूना शगुन है,आशीर्वाद लेना शगुन है,इनकी बात मानना शगुन है। शगुन कुछ करता नही है तुम जो करते हो उसमे सफलता का संदेश देता है। वो मेरे लिए नही है मैं उनके लिए हूँ, मात्र इतना सा शगुन तुम अपने जीवन मे मान लेना वे ही पिता तुम्हारी जिन्दगी के दीपक बन जायेंगे तुम्हारी जिंदगी में कभी अंधेरा नही आएगा क्योंकि तुमने दीपक मान लिया।भगवान तुम मेरी ओर मत देखना नही तो काहे के भगवान इसलिए जैनदर्शन में भक्त भगवान को देखता है और उसका संकट दूर हो जाता है क्योंकि भगवान मंगल है,शगुन है। धर्मसभा से पूर्व सौभाग्यशाली भक्तों ने मुनिश्री का पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट किया| गुरुभक्तों ने संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्वलन किया,साथ ही संस्कृति संस्कार महिला मंडल छीपीटोला की महिलाओं ने नृत्य कर मंगलाचरण की प्रस्तुति दी। इस दौरान आगरा दिगंबर जैन परिषद,श्री दिगंबर जैन धर्म प्रभावना समिति एवं श्री दिगंबर जैन शिक्षा समिति के पदाधिकारियों ने मुनिश्री के चरणों में श्रीफल भेंटकर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया| धर्मसभा का संचालन मनोज जैन बाकलीवाल द्वारा किया| धर्मसभा में प्रदीप जैन पीएनसी निर्मल मोठ्या, विमल मारसंस,जितेन्द्र जैन,सुनील जैन ठेकेदार,अनंत जैन,अशोक जैन, दिलीप जैन,राहुल जैन,मनोज बाकलीवाल,नीरज जैन जिनवाणी पन्नालाल बैनाड़ा,हीरालाल बैनाड़ा, जगदीश प्रसाद जैन,राजेश जैन सेठी, राकेश जैन बजाज,ललित जैन, आशीष जैन मोनू मीडिया प्रभारी शुभम जैन मीडिया प्रभारी,राजेश सेठी शैलेन्द्र जैन,राहुल जैन, विवेक बैनाड़ा, ललित जैन,यतीन्द्र जैन,अमित जैन बॉबी,पंकज जैन,मुकेश जैन, अनिल जैन शास्त्री, रूपेश जैन,केके जैन, सचिन जैन,अंकेश जैन,समस्त सकल जैन समाज आगरा एवं विभिन्न विभिन्न शहरों से हजारों की संख्या में गुरुभक्त अमृत सुधा सभागार में मौजूद रहे|
शुभम जैन, मीडिया प्रभारी