Sunday, September 22, 2024

सोच को इतना अच्छा, सुगन्धित बना दो कि पैर भली कीचड़ में बने रहे लेकिन सारी दुनिया तुम्हारे इस कमल को देखकर के तुम्हे पूजा की थाली में सजाने का मन बना ले: निर्यापक मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज

आगरा। आगरा के हरीपर्वत स्थित श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के अमृत सुधा सभागार में निर्यापक मुनिपुगंव श्री सुधासागर जी महाराज ने मंगल प्रवचन को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ कार्य कुछ वस्तुएं अच्छी होती है| लेकिन वो हर स्थान पर प्रत्येक समय पर ग्रहण करने योग्य नही होते। अच्छे कार्य, अच्छे व्यक्ति, अच्छी वस्तुये सदा सर्वत्र किये जायें ऐसा कोई नियम नही। छोड़ने योग्य वस्तु सदा त्याज्य है ऐसा कोई नियम नही। कुछ वस्तुये ऐसी है जो सदा के लिए शाश्वत रूप से त्याग कर देना चाहिए क्योंकि वो इतनी बुरी है, गन्दी है। इसलिए जैनाचार्यों ने अच्छे कुल वालो से कहा कि इतनी वस्तुये तो तुम्हारी जन्म से ही त्याग होना चाहिए, जिंदगी में कभी प्रवेश भी नही करना चाहिए जिसे हम मद्य, मधु, माँस आदि सप्तव्यसन बोलते है, ये तो सर्वथा त्याज्य है। कुछ हेय वस्तुये है, त्यागने योग्य है लेकिन छोड़ना नही क्योंकि इनमें एक गुण होता है, बुरी वस्तु में कह रहा हूँ। बुरी वस्तु में एक गुण होता है वो अच्छाई को प्राप्त करा करके छोड़ जाती है। जहर में भी एक गुण होता है कि मरने वाले को भी जिंदा कर देता है, सभी को नही, जहर भी औषधि है। इसलिए हर बुरी वस्तु को थोड़ा सोचकर के छोड़ना। क्योंकि उनमें एक गुण बैठा किसी को स्वास्थ्य करने का। सृष्टि को दो रूपो में देखो, एक देखो हेय रूप में, कितनी वस्तुये है जो तुम नही हो, तुमसे भिन्न है, तुम्हारी अपनी प्रतीति कह रहा हूँ। कई बार व्यक्ति अधर्म में इतना फंस जाता है कि वो धर्मात्मा होना चाहे तो भी खतरा है, उससे इतना बड़ा पाप हो चुकता है कि वो साधु बनना चाहे तो भी खतरा है।प्रारंभ में तुम्हारा मन, मौज मस्ती में रहता है, बालक को मिट्टी अच्छी लगती है वो नही सोच पाता है कि ये आगे खतरा बन जायेगी। गर तुम इस कीचड़ से नही निकल सकते हो तो इस संसार मे रहकर अपने आप को स्वर्णमय बना लो स्वयं कमल के समान बन जाओ पैर भली कीचड़ में रहे लेकिन दिमाग जल से ऊपर रहें। सोच को इतना अच्छा, सुगन्धित बना दो कि पैर भली कीचड़ में बने रहे लेकिन सारी दुनिया तुम्हारे इस कमल को देखकर के तुम्हे पूजा की थाली में सजाने के मन बना ले। अधर्म करोगे रावण जैसा सुख पाओगे,रामचन्द्र जी का जीवन पढोगे तो रामचन्द्र जी जैसा दुख पाओगे। फैसला आपके हाथ मे है, राम बनना है तो दुखो के लिए तैयार रहो, राम को जितने दुख आये उससे भी अनन्तगुणे आये तो भी मैं राम ही बनने को तैयार हूँ बस इतना सा निर्णय करना है। धर्म हमारी आत्मा की पर्याय नही बन पा रहा है धर्म अभी हमारे शब्दो की पर्याय बना है। आज धर्म से हमारी लोभ कषाय प्रबल हो रही है। धर्म वह है जिससे राग-द्वेष खत्म हो। आज व्यक्ति धर्म से कुछ न कुछ चाह रहा है धर्म को नही चाह रहा है। इस पंचमकाल में सबसे ज्यादा धर्मात्माओ की लोभ कषाय प्रबल होती है क्योंकि उन्होंने पढ़ लिया धर्म से ये वस्तु मिलती है। पाँच पापों में एक सबसे बड़ा पाप है परिग्रह, हम धर्म से परिग्रह पाप बढ़ा रहे है, महानुभाव निधत्ति निकाचित कर्म तभी बंधते है जब व्यक्ति धर्म से पाप कमाता है। पाप नही छोड़ सकते हो तो कोई बात नही लेकिन पाप के लिए धर्म मत छोड़ना। पाप में सफलता पाने के लिए किसी भगवान को बीच मे मत लाना। णमोकार मंत्र पढ़कर के जुए के पांसे मत फेकना। तुम अपनी जिंदगी की एक बुराई पकड़ो जो तुम्हारी दृष्टि में बुरी है। जिसको तुम छोड़ नही पा रहे हो, तुम्हे भी जिसका खेद है, तुम्हे भी दुख है, तुम भी जान रहे हो मुझे ये कार्य नही करना चाहिए, मुझे ये नही सोचना चाहिए ऐसी कोई एक न एक बात जरूर तुम्हारे पास है, तुम्हारा वीकपोइंट है जो छोड़ने पर भी नही छोड़ पा रहे हो। बस एक नियम ले लो मैं पाप तो करूँगा लेकिन इस पाप के बीच मे कभी धर्म को और भगवान को नही लाऊँगा। जिंदगी भर का अंधेरा क्षण मात्र में एक किरण मात्र में दूर होते देखा है। जन्म जन्म के पाप को गुरु के मुख से निकली एक किरण दूर कर देगी। धर्मसभा में सौभाग्यशाली भक्तों ने संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्वलन किया, साथ ही भक्तों ने गुरुदेव का पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंटकर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया| इस दौरान श्री दिगंबर जैन धर्म प्रभावना समिति, आगरा दिगंबर जैन परिषद एवं बाहर से आए हुए गुरुभक्तों ने गुरुदेव के चरणों में श्रीफल भेंट किया| धर्मसभा का संचालन मनोज जैन बाकलीवाल द्वारा किया| धर्मसभा में प्रदीप जैन पीएनसी,निर्मल मोठ्या, मनोज जैन बाकलीवाल नीरज जैन जिनवाणी, पन्नालाल बैनाड़ा,हीरालाल बैनाड़ा, ज‌‌गदीशप्रसाद जैन,राकेश जैन पर्देवाले राजेश जैन सेठी,ललित जैन,आशीष जैन मोनू मीडिया प्रभारी शुभम जैन मीडिया प्रभारी,राजेश सेठी,शैलेन्द्र जैन,राहुल जैन,विवेक बैनाड़ा,ललित जैन,यतीन्द्र जैन,अमित जैन बॉबी, पंकज जैन,मुकेश जैन अनिल जैन शास्त्री,रूपेश जैन,केके जैन,सचिन जैन,दिलीप जैन,अंकेश जैन,सचिन जैन,समस्त सकल जैन समाज आगरा के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

शुभम जैन, मीडिया प्रभारी

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