सुभाष गंज मैदान में चल रही है लोक कल्याण आराधना, औषधि दान को महादान कहा गया है
अशोक नगर। औषधि किसी को जीवन दे सकती औषधि दान पर के लिए संत जन हमेशा प्रेरणा देते रहते हैं औषधि दान कैसे दिया जाता है ये श्री कृष्ण जी से सीखें वे नारायण थे फिर भी गोधरा बनकर आनंदित होते थे उन्होंने एक संत को औषधि दान देने के लिए पुरी नगरी में औषधि वितरण करा दी और जहां संत का आहार हुआ वो औषधि उनको चलने से वे स्वस्थ हो गये और किसी को खबर तक नहीं लगी ये होता है महापुरुषों का काम दुनिया में।जगत में सर्वश्रेष्ठ औषधि दान देने में नारायण श्रीकृष्णजी की प्रसिद्ध सभी को ज्ञात है आप लोग बड़ी श्रद्धा के साथ भक्ति संगीतमय लोक कल्याण की भावना भा रहे हैं आज शक्ति तस त्याग की भावना के साथ आप लोगों ने अर्घ समर्पित कर रहे थे। शक्ति तस त्याग में श्रावको कीह अपेक्षा से कहा गया है इसमें शक्ति को छुपाना नहीं है और शक्ति से स्वयं और पर उपकार के लिए योग्य पात्र को दीया गया दान पुरा फल देता है नवादा भक्ति और पूरे वैभव पूर्वक पंच शाना से रहित ऐसे आर्यो अर्थात मुनि को दिया गया दान विशेष फल देता है उक्त आश्य के उद्गार आचार्य श्रीआर्जवसागर जी महाराज ने सुभाषगंज मैदान में धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
लोक कल्याण की भावना के लिए किया जा रहा है महा महोत्सव
मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि परम पूज्यआचार्य श्रीआर्जवसागर जीमहाराज ससंघ केसान्निध्य में जगत के मंगल के लिए लोक कल्याण महा मंडल विधान चल रहा है इस विधान के माध्यम से हम सब लोक कल्याण की कामना कर रहे हैं आज महोत्सव में सौधर्म इन्द्र वनने का सौभाग्य राज कुमार रजत कुमार इंजीनियर प्रमुख श्रावक श्रेष्ठी पदम कुमार रोहित कुमार अरविंद कुमार पत्रिका परिवार को मिला जिनका सम्मान पंचायत कमेटी के अध्यक्ष राकेश कासंल महामंत्री राकेश अमरोद कोषाध्यक्ष सुनील अखाई प्रमोद मंगलदीप दारा किया गयाआज के श्रावक श्रेष्ठी वन शान्तिधारा करने का सौभाग्य स्वप्निल सी ए संदीपएडवोकेट परिवार को मिला जिनका सम्मान पूर्व जिलाध्यक्ष जय कुमार सिंघई मनीष सिघई प्रमोद मंगलदीप दारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया ।
किसी के प्राणों की रक्षा करना जीवन दान कहलाता है
उन्होंने कहा कि दान चार प्रकार के कहें गये है जिनमें औषधि दान का विशेष महत्व है औषधि दान से संगी पंचेन्द्री को जीवन दान मिल जाता है किसी को जीवन दान देना किसी के प्राण की रक्षा करना किसी परिवार को बचना अभय दान के अंतर्गत आता है दान देने से आपका पुण्य वृद्धिगत होता है पुण्य वड़ाने के लिए आप लोग नियम ले लेते हैं नियम लेकर कार्य करने से आपका संकल्प हो जाता है और संकल्प की शक्ति से पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।