गीता के सिद्धांत हमारे परिवार प्रबंधन में बहुत उपयोगी: मेहता
जयपुर। आदर्श नगर के श्रीराम मंदिर में चल रही युवा भागवत कथा के दूसरे दिन मंगलवार को जीवन प्रबंधन गुरु पंडित विजय शंकर मेहता ने कहा कि गीता के सिद्धांत हमारे परिवार प्रबंधन में बहुत उपयोगी हैं, गीता हमें समझाती है कि जो लोग अपने परिवार को भक्ति योग से चलाते हैं उन्हें बैकुंठ की तलाश में कहीं और नहीं भटकना पड़ता है। दसवें अध्याय में विभूति योग पर उपदेश देते हुए भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि मनुष्य में जो कुछ भी श्रेष्ठ है वह मेरा ही अंश है लेकिन श्रेष्ठ से श्रेष्ठ व्यक्ति भी यदि गलत मार्ग चुनेगा तो उसका पतन निश्चित है। महाभारत युद्ध के दसवें दिन अर्जुन के बाणों से घायल होकर भीष्म गिर गए। इतने पराक्रमी व्यक्ति को भी गलत व्यक्ति दुर्योधन का साथ देने पर अपने प्राण त्यागने पड़े।
गीता के सातवें अध्याय में पंडित मेहता ने बताया कि परिवार में सबसे पहले हम स्वयं को जानें स्वयं से हमारे रिश्ते परिपक्व होने चाहिए उसके बाद माता-पिता ,पति-पत्नी, भाई -बहन, संतान तथा अन्य रिश्तों को गीता के सिद्धांत में महाभारत के दृष्टातों से जोड़कर व्याख्या की। परिवारों में एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा न करते हुए प्रेम और समर्पण भाव से जीना चाहिए। हमारे देश के परिवार प्रबंध में हमारी भारतीय संस्कृति को साथ रखने पर ही हम सुखी रह सकेंगे। इस मौके पर हरचरण लेकर ,केशव बेदी, राजीव मनचंदा ,संजय आहूजा ने पं.विजय शंकर मेहता को माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया।उपाध्यक्ष अनिल खुराना ने बताया कि कथा के तीसरे दिन ज्ञान योग और परिवार पर व्याख्यान होगा।