Sunday, November 24, 2024

बुरे कर्मों को भूलकर अच्छे कर्मों को याद रखें: आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

आचार्य श्री को श्री फल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया

डोंगरगढ़, छतीशगढ़। बुरे कर्मो को भूलकर अच्छे कर्मों को याद करें बुरे कर्मो को याद करने से पुनः पाप का ही वंध होगा और व्यक्ति को दुख मिलेगा अच्छे कर्मों को याद करते हुए हमेशा अच्छा सोचें जिससे शुभ कर्मों को वंध हो कर्म वंध की प्रक्रिया कभी रूकती नहीं कर्मो का वंध सतत् चलता रहता है कोशिश करके लगातार अच्छे कर्मों को याद करते हुए उपयोग को शुभ बनाये रखना चाहिए जो चला गया उसका संयोग इतना ही था कर्म के उदय को कोई टाल नहीं सकता हमें अपना काम ध्यान से निरन्तर करते रहना चाहिए। उक्तआश्य केउद्गार संत शिरोमणिआचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज धर्म सभा में व्यक्त किए।
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को श्री फल भेंट किए

मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने डोंगरगढ़ से लौटकर बताया कि संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज संघ सहित छत्तीसगढ़ के धर्म नगरी डोंगरगढ़ में विराजमान हैं जहां अशोक नगर से भक्तो ने आचार्य श्री के श्री चरणों में श्री फल भेंट कर विगत दिनों अशोक नगर में धुर्रा परिवार में हुआ सड़क हादसे की घटना से अवगत कराते हुए श्री फल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया इस दौरान मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ओमप्रकाश देवेन्द्र कुमार पवन कुमार सुनील जैन सोनू धर्मेन्द्र कुमार अमित जैन आजाद महान अशोक धुर्रा संजय जैन पुराना बाजार विपुल महाना राजा वजाज पीयूष धुर्रा आदि जैन युवी वीर जैन इंसान धुर्रा सहित अन्य भक्तों ने श्री फल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया एवं अशोक नगर में चल रहे चातुर्मास व अनुष्ठान की जानकारी दी।
धर्म के हर अनुष्ठान में सहभागिता हम वनाये रखने हैं: विजय धुर्रा
मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि निरन्तर धर्म कार्य में संलग्न रहते हुए परिवार जन धर्म के हर अनुष्ठान संत सेवा में रहने के बाद भी अच्छी तरह मरण ना मिल पाना आखिर ये सब भी देखने पर इसे क्या कहेंगे आचार्य श्री कहा कि आयु को कोई घटा वड़ा नहीं सकता जितना सहयोग है वह पूरा हो गया हमेशा अच्छे कर्मों को याद करते रहना चाहिए संसार में पुण्य पाप के अलावा कुछ भी नहीं है जो कुछ भी हैं पुण्य का फल या पाप का फल देखने में आ रहा है हर समय जीव को पुण्य पाप का वंध होता रहता है इस लिए तो साधु हमेशा धर्म ध्यान करते रहते हैं आप लोगो को भी आर्तरौद्र ध्यान से बचकर रहना चाहिए और यथायोग्य धर्म करते रहे । जो कुछ भी कल्याण होगा भगवान की भक्ति से ही होगा देव शास्त्र की भक्ति से होगा ।
संसार में रहकर किसी को सताना नहीं हैं: आचार्य श्री
आचार्य श्री विशाल धर्मसभा में कहा कि जंगल के निकट एक मुनिराज वैठे थे वहां नगर वासी आकर नियम ले रहे थे एक विशैला सर्प भी सोचता है कि मैं भी कुछ नियम ले लूं मुनि महाराज से वह नियम मांगता है तो उसे मुनिराज उस सर्प को किसी को ना काटने का नियम दे देते हैं कुछ दिनों में वह विशधर परेशान हो मुनि राज को अपनी व्यथा सुनाता है तो मुनि महाराज कहते हैं कि काटने को मना किया है आप लोग भी तो तरकारी काटते हैं उसे काटना नहीं वोलना चाहिए तरकारी सब्जी वनाना वोलना चाहिए उसे भी फुस कारने को मना नहीं किया संसार में रहते हुए किसी को हमें सताना नहीं है उपना काम कुशलता पूर्वक कर लेना चाहिए इसी तरह संसारी प्राणी विनंम्र वनकर रहेगा तो सब उसके साहायक वने लेकिन यदि वह सब से गलत वर्ताव करेगा तो उसके दुश्मन वन जायेगा अहिंसा धर्म हमारे व्यवहार में आना चाहिए। इस दौरान राजस्थान मानव अधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री एन के जैन पारस चैनल के सुभाष मोदी मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा योगाचार्य नवीन जैन डोंगरगढ़ तीर्थ कमेटी के अध्यक्ष किशोर महामंत्री चन्द्रकांत जैन सहित अन्य भक्तों विशेष रूप से उपस्थित थे।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article