ब्राह्मण महासंगम ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, रामनिवास बाग में भरी हुंकार
जयपुर। आज जयपुर में ब्राह्मण समाज ने अपनी ताकत दिखाई। लाखो ब्राह्मण प्रदेश भर से आये। एक ही नारा जय परशुराम जय परशुराम के नारे लगे। राजनीति पार्टियों के प्रमुख नेता ब्राह्मण महासंगम में हुए शामिल। स्वस्तिवाचन और शंखनाद से प्रारम्भ हुये इस ब्राह्मण महासंगम में जनसैलाब उमडा। ब्राह्मण महासंगम जयपुर में एक ऐतिहासिक आयोजन रहा। इस समारोह में घंटे-घडियाल बजाते हुए और धोती कुर्ता पहने हुए ब्राह्मण समाज के लोगों ने शिरकत की। इस आयोजन में ब्राह्मणों ने अपनी हुंकार भरते हुए 14 प्रतिशत आरक्षण की मांग केंद्र और राज्य सरकार से रखी। ईडब्ल्यूएस आरक्षण में हो रही विसंगतियों को दूर करने और आय सीमा को बढ़ाने की पुरजोर मांग समाज ने रखी। साथ ही मंदिर मठों पर सरकारी नियंत्रण खत्म कर ट्रस्ट व कमेटियों को देने की मांग की। इसके अतिरिक्त अन्य मांगे भी रखी गई । इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्तर पर विप्र कल्याण बोर्ड बनाने की मांग भी पुरजोर उठी।
वक्ताओं ने समाज को एकजुट होकर काम करने की बात कही। सभी का एक ही नारा था विश्व को दिशा देने वाला ब्राह्मण अब अपने हितो के लिए संगठित होना चाहिए। आज पुरे देश में ब्राह्मण समाज की आबादी करीब 15 करोड़ है। इस आबादी को राजनीतिक रूप से सामाजिक रूप से और आर्थिक रूप से आगे बढना देश के हित में है और कोई राजनीतिक पार्टी इस समाज को नजरअंदाज नहीं कर सकती। ब्राह्मण सबको दिशा देता आया है। उसे अपने अधिकारों के लिए संगठित रहना चाहिए। कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रात 8ः00 बजे त्रिपोलिया गेट से 11000 महिलाओं की कलश यात्रा से हुआ। रास्ते में महिलाओं पर पुष्प वर्षा हो रही थी और चारो तरफ ब्राह्मण एकता के जिन्दाबाद के नारे लग रहे थे। महिलाओं का रामनिवास बाग पर पहुंचने पर प्रातः 10ः15 बजे कार्यक्रम शंखनाद और स्वस्तिवाचन से प्रारम्भ हुआ। जयपुर शहर में पहली बार रामनिवास बाग में इतना विहंगम दृश्य देखने को मिला कि लाखो ब्राह्मण एक साथ नाचते गाते ढोल नगाड़े के साथ कार्यक्रम में प्रदेश के अलग अलग जिलों से सम्मिलित हुये। इस पुरे कार्यक्रम को एक करोड़ लोगों ने लिंक के माध्यम से देखा, ये अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेगा कि किसी समाज के इतने व्यक्ति एक साथ एक कार्यक्रम में जुडे।
समारोह के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने संबोधित करते हुए कहा है कि ब्राह्मण सभी समाजों को साथ लेकर चलता है। अब उसे अपने संस्कारों के बल पर आगे बढ़ना चाहिए। समारोह में शिक्षा मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि ब्राह्मण समाज सहित आरक्षण से वंचित जातियों के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान पहली बार वर्ष 2003 में हुआ था। लगभग 20 वर्षो से सर्व ब्राह्मण महासभा ने इस आरक्षण की लडाई लड रहे है। मैं वर्ष 2003 में जब कैबिनेट मंत्री था जब भी समाज के साथ था और आज भी समाज के साथ हूं। इस अवसर पर जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि ब्राह्मण महासंगम समाज को एकजुट करने का काम कर रहा है। इसमें सभी समाजों के घटक सम्मिलित हुये है। साथ ही देश के प्रधानमंत्री 10 प्रतिशत आरक्षण ईडब्ल्यूएस के लिये दिया है। मैं समाज के साथ 14 प्रतिशत आरक्षण देने की पैरवी करूगां। इस अवसर पर जलदाय मंत्री डाॅ. महेश जोशी ने सर्व ब्राह्मण महासभा द्वारा किये गये कार्यो की भूरी भूरी प्रशंसा की और कहा कि मैं दावे से कह सकता हूं कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए सुरेश मिश्रा ने जो संघर्ष किया है उतना संघर्ष किसी ने भी नहीं किया है। मैं इस आंदोलन का जनक पं. सुरेश मिश्रा को मानता हूं और राज्य सरकार से 14 प्रतिशत आरक्षण के लिए बात आगे बढाउंगा।
समारोह में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा द्वारा दिये गये शुभकामना संदेश को विधायक रामलाल शर्मा ने पढकर सुनाया कहा है कि मंदिर मठो पर सरकारी नियंत्रण नहीं होना चाहिए। साथ ही मैं पं. सुरेश मिश्रा के संघर्ष को और आरक्षण आंदोलन को नजदीक से देख रहा हूं। मैं पूरी तरह से इस मुद्दे पर समाज के साथ हूं। शर्मा ने कहा है कि जब मैं अपने विधानसभा क्षेत्र से कार्यक्रम स्थल पर आ रहा था तो सीकर रोड से एमआई रोड, रामनिवास बाग पर पूरा शहर ब्राह्मण महासंगम द्वारा जाम मिला और हजारो गाडियां सडको पर ही खडी हुइ हैं। यह सिद्ध करता है कि ब्राह्मण महासंगम का जो संदेश एकजुटता का जाना था वो जा चुका है। इस अवसर पर सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने कहा कि इस 14 प्रतिशत आरक्षण के लिये हमने लाठिया खाई है, जेल गये है और दो दशकों तक सडको पर संघर्ष किया है। इसके लिये अब हम सबको मिलकर सामूहिक रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है। आज देश की दोनों राजनीतिक पार्टियों के राजनेता मंच पर है। मैं आपसे हाथ जोडकर निवेदन करता हूं कि ब्राह्मण बच्चो के भविष्य के लिए इस आरक्षण को 14 प्रतिशत करवाने के लिये प्रयास करें। इस अवसर पर विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि जब से बोर्ड की स्थापना हुई है, हम लगातार सतत प्रयास कर रहे है कि समाज को किसी प्रकार की तकलीफ नहीं आये और इसके लिये बहुत सारे कार्य किये जा चुके है और आगे भी प्रस्तावित है।
इस अवसर पर समाज कल्याण बोर्ड के चैयरमेन श्रीमती अर्चना शर्मा ने कहा कि 2 महिने से इस समारोह की तैयारी चल रही थी और हम सबने एक विहंगम दृश्य देखा है। मैं समाज की हर जायज मांग के साथ हूं। कार्यक्रम का स्वागत भाषण संरक्षक देवीशंकर शर्मा ने किया। इस अवसर पर खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन बृजकिशोर शर्मा, कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व चेयरमैन हरिप्रसाद शर्मा, महिला आयोग की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता शर्मा, संरक्षक देवीशंकर शर्मा, फिल्म निर्माता निदेशक पद्मश्री डाॅ. मधुर भंडारकर, फिल्म गदर के निर्माता निदेशक अनिल शर्मा, पूर्व महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा, डीआईजी क्राईम जगदीश प्रसाद शर्मा, विप्र महासभा के प्रदेशाध्यक्ष सुनिल उदईया, श्री परशुराम सेना के अध्यक्ष एडवोकेट अनिल चतुर्वेदी, हरियाणा ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिरधीचंद शर्मा, परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश रहेजा, खाण्डल समाज के प्रदेशाध्यक्ष अनिल शर्मा खाण्डल,एडवोकेट एच.सी. गणेशिया, गोविन्द पारीक, बी.पी. शर्मा, बी.एम. शर्मा, डॉ. संगम मिश्रा, श्रीमती सविता शर्मा, आशीष दवे सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित करते हुये ऐसा नजारा जयपुर के किसी भी सामाजिक संगठन के कार्यक्रम में नहीं देखने को नहीं मिला।
इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये फिल्म निर्माता निदेशक मधुर भंडारकर एवं अनिल शर्मा ने कहा कि आज तक वो कभी किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में नहीं गये । लेकिन पं. सुरेश मिश्रा का प्यार हमें यहां खिंच लाया। इस अवसर पर 5 विभूतियों को समाज की ओर से ब्राह्मण शिरोमणि सम्मान से सम्मानित भी किया गया। जिसमें मधुर भंडारक, अनिल शर्मा, कनाडा से आये डाॅ. आजाद कौशिक, लंदन से आये डाॅ. आलोक शर्मा, दुबई से आये नवीन शर्मा, अमेरिका से इन्द्रजीत शर्मा का सम्मान फरसा व भगवान परशुराम जी का चित्र भेंट किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने संदेश में इस विराट ब्राह्मण महासंगम मे कहा है कि ये अदभूत नजारा है। जिसमें इतनी बडी संख्या में ब्राह्मण समाज एकत्रित हुआ हैं। मुझे इस कार्यक्रम में आना था, लेकिन मुझे आवश्यक कार्य होने के कारण मै आ नहीं पाया। इस अवसर पर जयपुर के सभी प्रमुख मंदिरों के संत-महंत भी उपस्थित थे। जिसमें प्रमुख रूप से महामंडलेश्वर बालमुकुंद आचार्य, महामण्डलेश्वर मनोहर दास महाराज, गोविन्द देव जी मंदिर के मानस गोस्वामी, उदासीन आश्रम के प्रधुम्न पुरी गोस्वामी, पं. पुरुषोत्तम गौड, पं. मुकेश भारद्वाज सहित लगभग 100 से अधिक संत महंत उपस्थित थे।