भागलपुर। दिगंबर जैन मंदिर, भागलपुर में विराजमान मुनिराज विशल्य सागर जी महाराज कहते हैं की भूमि में हम जैसा बीज बोते हैं वैसा ही अंकुरित होता हैं। यदि गुलाब बोया हैं तो गुलाब ही खिलता हैं और बबूल बोया हैं तो बबूल ही खिलता हैं, यह तुम्हारे ऊपर निर्भर हैं की तुम क्या बोते हो। भगवान महावीर कहते हैं की ऐसा न केवल भूमि में होता हैं बल्कि मनुष्य के मनोमष्तिक में भी होता हैं। हम अपने मनोमष्तिक में जैसा विचारों का बीजारोपण करते है,वही विकसित होता हैं।यदि सद्धविचार का बीजारोपण होगा तो नियमता सद्गुणों का गुलाब महकेंगे ओर दुर्बीचारो का बीजारोपण करेंगे तो बुराइयों के कांटे प्रकट होंगे।हम अच्छे विचारों का अपने अंदर आरोपण करे। हमारा सोच जैसा होगा हमारा जीवन भी वैसा बनेगा।
प्रेषक विशाल पाटनी, भागलपुर