गुंसी, निवाई। गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ससंघ का साधनामय चातुर्मास विविध धार्मिक अनुष्ठान एवं भक्तिमय आराधना के साथ संपन्न हो रहा है। श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी के शांतिनाथ चैत्यालय में भक्तों ने धार्मिक भजनों के साथ मंगलमय भक्ति की। इसी दौरान आज की शान्तिधारा करने का सौभाग्य संतकुमार कासलीवाल टोडारायसिंह वालों ने प्राप्त किया। मालपुरा के गुरु भक्तों ने मिलकर गुरू माँ की आहारचर्या कराने का परम सौभाग्य प्राप्त किया। तत्पश्चात गुरु मां ने भक्तों को कल्याणकारी उपदेश देते हुए कहा कि- गुरु के मन्त्र विद्या में बड़ी ताकत होती है। जो विद्या पुस्तक में नहीं मिलती, वो गुरु के अनुभव व ज्ञान के माध्यम से सहज ही प्राप्त होती है। जिसके सिर पर गुरु का हाथ होता है, दुनिया भी उसके साथ हुआ करती है। बस अपने अंदर श्रद्धा भक्ति होनी चाहिए, तो फिर कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो गुरु हमेशा अपने साथ होते हैं।