Saturday, November 23, 2024

श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर के डॉ. शीतल चंद जैन सम्मानित

राजस्थान सरकार ने किया सम्मानित
जयपुर।
संस्कृत दिवस के अवसर पर राजस्थान सरकार के संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से बिड़ला ओङिटेरियम जयपुर में आयोजित भव्य समारोह में संस्कृत के लिए उल्लेखनीय योगदान देने के लिए संस्कृत एवं जैन दर्शन के मूर्धन्य विद्वान ङाॅ शीतल चंद जैन को संस्कृत विद्वत् सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री डा बी ङी कल्ला एवं सीएमडीसी के सलाहकार विधायक ङाॅ राजकुमार शर्मा राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रामसेवक दुबे एवं अन्य विशिष्ट महानुभावों ने श्रीफल शॉल प्रशस्ति पत्र एवं 31000/की राशि से सम्मानित किया। सरस्वती के वरद पुत्र राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त दार्शनिक मनीषी विद्या वाचस्पति ङाॅ शीतल चंद जैन जयपुर ऐसे महामना व्यक्तित्व के घनी है जिनका सम्पूर्ण जीवन चेतन मूर्तियो के निर्माण में समर्पित हैं। आपके सम्पूर्ण व्यक्तित्व एवं कृतित्व को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता। ज्ञानदान एवं शिक्षा के क्षेत्र में आपने कुछ ऐसे विषेश कार्य किये हैं जो शताधिक बर्ष पूर्व पूज्य गणेश प्रसाद जी वर्णी के द्वारा किये गये कार्यों का स्मरण कराते हैं। इन्हीं कार्यो को दृष्टि में रखते हुए आचार्य सन्मतिसागर (दक्षिण) के प्रियाग्र शिष्य पूज्य मुनि श्री विद्यासागर जी महाराज के सानिध्य में जैन समाज जयपुर की ओर से आपको अभिनव गणेश प्रसाद वर्णी के मानद विरूद से अलंकृत किया गया है। आपने संस्कृत एवं प्राकृत परम्परा के पोषक विद्वान तैयार करने का जो स्वप्न देखा वह आगे चलकर आपके सतत् प्रयासों से परम् पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के पावन आशीर्वाद एवं परम पूज्य मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज की प्रेरणा से संस्थापित श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान संगानेर के रूप में फलीभूत हुआ। संस्था की स्थापना से अद्यावधि निदेशक के रूप में पूर्ण निष्ठा से सेवाएं प्रदान करने एवं युवा विद्वानों के सृजन में आपका महनीय योगदान है। यह सम्पूर्ण संस्कृत विद्वत् जगत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है आपने श्री दिगम्बर जैन आचार्य संस्कृत महाविद्यालय में लगभग 35 बर्षों तक प्राचार्य पद पर रहते हुए महाविद्यालय का संरक्षण एवं संवर्धन किया हैं राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में श्रमण विद्या संकाय एवं महाकवि आचार्य ज्ञानसागर जैन दर्शन पीठ की स्थापना समाज को अमूल्य देन हैं। जो जैन दर्शन के विकास के लिए प्रकाश स्तम्भ का कार्य कर रहें है। इन दोनों की स्थापना के प्रेरणा स्रोत आप ही बने और इस संकाय के अधिष्ठाता पद पर रहते हुए जैन दर्शन आदि विभागों के संरक्षण एवं पल्लवन करने का महनीय कार्य भी आपने किया है आपको महाकवि आचार्य ज्ञानसागर जैन पीठ के पीठाध्यक्ष पद पर कार्य करने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है आपको जैन दर्शन एवं संस्कृत का विशेष विद्वान मानते हुए केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली ने शास्त्र चूङामणि विद्वान के रूप में मनोनीत कर गौरवान्वित किया है। आपने अनेक बर्षो तक अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत परिषद् के यशस्वी अध्यक्ष एवं मानद् मंत्री के पदों को भी सुशोभित किया है। सम्पूर्ण जैन समाज एवं संस्कृत विद्वत् जगत की ओर से आपको हार्दिक शुभकामनायें एवं बधाई प्रेषित की जा रही हैं।
संकलन: पं प्रद्युम्न कुमार शास्त्री मोहनवाड़ी जयपुर

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article