मनोज नायक/इंदौर। एक ही दिन श्रावण शुक्ल चतुर्दशी तथा पूर्णिमा शुभ तिथि एक साथ हैं। अतः आज ११ वें तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ श्रेयांसनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक पर्व एवम वात्सल्य रक्षाबंधन पर्व राष्ट्र संत आचार्य श्री विहर्ष सागर महाराज के संसघ सानिध्य में मोदी जी की नसियां में बड़ी भक्ति और धुमधाम से मनाया गया और निर्वाण लाडू अर्पित किया गया। आचार्य श्री ने रक्षाबंधन का महत्व बताते हुए कहा कि आज के ही दिन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा तिथि को विष्णुकुमार मुनिराज ने 700 महामुनिराजों पर आए घोर उपसर्ग को दूर कर उन महामुनिराजों की उपसर्ग से रक्षा की थी। तभी से श्रावकों द्वारा धर्म रक्षा का यह पर्व रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस अवसर पर पूज्य मुनिश्री विष्णुकुमार महामुनिराज तथा घोर उपसर्ग विजेता 700 मुनिराजों की अत्यंत भक्ति-भाव से पूजन आराधना करना चाहिए। आचार्य श्री ने पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि रक्षाबंधन पर्व का मुख्य महत्व तभी है जब हम इस अवसर पर अपने घर्म, धर्मायतनों तथा मुनिराजों, आर्यिका माताजी आदि साधुओं की रक्षा हेतु द्रण संकल्पित हों और विचार करें व उनकी सेवा तथा रक्षा हेतु जीवन पर्यन्त तैयार रहें । जब तक सुरज चांद रहेगा तब तक मुनियों का सम्मान रहेगा। नमोस्तु शासन जयवंत हो। फेडरेशन के मिडिया प्रभारी राजेश जैन दद्दू ने बताया कि इस अवसर पर रक्षा सूत्र राखी सजाओं प्रतियोगिता भी रखी गयी। इसमें महिलाओं ने बड चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर दिगंबर जैन समाज सामाजिक सांसद के अध्यक्ष राजकुमार पाटोदी, फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश विनायका, योगेन्द्र काला, पारस पांड्या, नीरज मोदी, पवन जैन पुर्व पार्षद आदि सैकड़ों की संख्या में समाज जन उपस्थित हुए।