Sunday, September 22, 2024

मुनिराजों एवं श्रावकों की रक्षा का पर्व है रक्षाबन्धन: गुरु माँ विज्ञाश्री माताजी

गुंसी, निवाई। श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी में रक्षाबंधन वात्सल्य पर्व बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। पूज्य माताजी के सान्निध्य में अभिषेक , वृहद शान्तिधारा , विष्णुकुमार आदि 700 मुनियों की अष्ट द्रव्य से पूजन की गई । तत्पश्चात श्रेयांसनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक पर 11 किलो का निर्वाण लड्डू चढ़ाकर विशेष पूजा की गई । धर्म एवं देव शास्त्र गुरु की रक्षा हेतु रक्षासूत्र समर्पित करके भक्तों ने धर्म की रक्षा का संकल्प किया। माताजी ने वात्सल्य पूर्ण शुभाशीष देते हुए कहा कि मुनिराज एवं श्रावकों की रक्षा का पर्व है – रक्षाबन्धन । मुनिराजों ने श्रावकों को अधर्म से बचाकर, उनकी रक्षा की थी। रक्षाबन्धन पर्व प्रेम-भावना का उपदेश लेकर आया है। इसी दिन विष्णुकुमार मुनि ने अकम्पनाचार्य आदि 700 मुनियों के उपसर्ग दूर करके उनकी रक्षा की थी। वात्सल्य का यह पर्व सन्देश देता है कि – घर में एक-दूसरे के प्रति मैत्री भाव बनाये। इसी से जैन संस्कृति एवं देश का संवर्धन है।

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