गुंसी, निवाई। गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ने धर्म पिपासुओं को धर्मोपदेश देते हुए कहा कि गलती जिंदगी का एक पेज है , पर मानव जिंदगी पूरी किताब है। जरूरत पड़ने पर गलती का एक पेज फाड़ देना पर एक के लिए पूरी किताब मत खो देना। जिंदगी में इतनी गलतियां न करो कि पेंसिल से पहले रबर घिस जाए और रबड़ को इतना मत घिसो की जिंदगी का पेज फट जाए। अपने आप को बदलो। अपने आप को बदलने में डरना और संघर्ष में कतराना मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है। पद्मावती महिला मंडल निर्माण नगर जयपुर की ओर से सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी में श्री शांतिनाथ महामंडल विधान रचाया गया। गुरु मां के सान्निध्य में प्रातः कालीन अभिषेक, शांतिधारा, पूजन का आयोजन निर्विघ्न संपन्न हुआ।