स्वधर्मीयो पर उपकार और परोपकार करने वाला मनुष्य जीवन मे सुख और आनन्द प्राप्त करता है: महासती धर्मप्रभा
सुनील चापलोत/चैन्नाई। सोमवार को साहूकार पेठ जैन भवन मे महासती धर्मप्रभा ने श्रमणसूर्य दिव्य विभूति मरुधर केसरी मिश्रीमल जी महाराज साहब की 133वीं जैन जयंती पर दित्तीय दिवस श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो मनुष्य धर्म पर श्रद्धां रखता है वो इंसान ही स्वधर्मी भाई बहनो पर उपकार और परोपकार करता है। लेकिन मनुष्य धर्मात्मा और महान बनने की चाह में दूसरों की तो मदद करता है लेकिन अपने परिवार और स्वधर्मी भाई बहनों को धूतकारता है और दुःख देता है ऐसा मनुष्य जीवन मे कभी सुख नहीं भोग सकता है क्योंकि समय को बदलने मे देर नहीं लगती आज तो कल तैरा भी समय खराब आ सकता है । और तुझे भी जीवन मे दुखः भोगने पड़ सकते है। अपनों और स्वधर्मीयो की जो तुम मदद करोगे तो भगवान भी तुम्हारी रक्षा करेगा और उसका दस गुना फल देगा। साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा कि दुनिया उन्ही लोगो याद किया जाता है जो दूसरों के लिए जीते है और स्वधर्मी भाई बहनो के जीवन मे आपत्ति और विपत्ति आने पर सेवा और उपकार करते हैं वही जगत मे महान और धर्मात्मा बनते है । श्री संघ के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने बताया गुरु भगवंतो की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में साध्वी धर्मप्रभा, साध्वी स्नेहप्रभा की प्रेरणा पर मरूधर मे सवराड़ नगर के नगर सेठ भंवरलाल उत्तम राठौड़ ने श्री एस.एस. जैन संघ साहूकार पेठ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी महामंत्री सज्जनराज सुराणा,माणिक चन्द खाबिया,सुरेश डूगरवाल, बादल चन्द कोठारी,शम्भूसिंह कावड़िया,अशोक सिसोदिया,ज्ञान चौरड़िया,संजय खाबिया जैन कॉन्फ्रेंस तमिलनाडु युवा अध्यक्ष आनंद बालेचा अजित कोठारी आदि उपस्थिति एवं साध्वी मंडल के सानिध्य मे 133 स्वधर्मी भाई बहनों को खाद्यान्न राशन साम्रागी किट वितरण किये। इसदौरान सभी पदाधिकारियों ने राठौड़ को शोल माला मोमेंट देखकर सम्मानित किया तथा महावीर चन्द सिसोदिया कहा कि अपने लिए तो सभी जीते है लेकिन स्वर्गीय भंवरलाल राठौड़ अपने गांववासियो की मदद केलिए सदैव समर्पित थे ।उन्हें अपनी जन्म भूमि से बहुत लगाव था । और गांववालों की मदद करते थे।