अहिंसा के पुजारी और भक्तों के भगवान थे मरूधर केसरी और लोकमान्य संत: महासती प्रितीसुधा
निलिष्का जैन/भीलवाड़ा। अहिंसा के पुजारी और भक्तों के भगवान थे पूज्य गुरूदेव मरूधर केसरी मिश्रीमल जी म.सा.एवं लोकमान्य संत रूप मुनि जी महाराज। रविवार अहिंसा भवन शास्त्री नगर मे गुरू द्वव्य के जन्म जयंती समारोहों मे साध्वी प्रितीसुधा ने गुणवान करतें हुये कहा कि गुरूदेव ने मानवता की ही सेवा नहीं की बल्कि मूक प्राणियों की रक्षा के लिए सैकड़ों गौशालाएं खुलवाई और लाखो पशुओं को अभयदान दिलवाकर गौशालाओं मे गौ माता को शरण दिलवाई। और श्रमण संघ की स्थापना अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन करते हुए सताई सम्रदाय के संतो को एक सूत्र मे बांधकर श्रमण संघ बनवाया। अपने तप साधना के बल मिश्री गुरू ने अनेक दिन दुखीयो के दुखः को साधना के दूर किया । उनके बताए अहिंसा के मार्ग पर चलेंगे तभी हमारा जन्मजयंती मनाया सार्थक होगा। इसदौरान रूप रजत विहार से पधारी साध्वी डॉक्टर दर्शनप्रभा,साध्वी चेतना एवं विदुषी मधु सुधा,साध्वी संयमसुधा ने आदि सभी ने कहां गुरू कि महिमा का शब्दों मे बखान करना सूर्य को रोशनी दिखाने सम्मान है संत हो या गृहस्थ या राजनेता जो गुरूदेव के पास घंटों- घंटो तक बेठे रहते और अपनी समस्याएं गुरूदेव को बताते थें। गुरूदेव सभी की समस्याओं का निदान सहजता और सरलता से सुलझा देते थे। गुरूदेव के मंगल पाठ मे ऐसा चमत्कार था उससे सुनकर सभी अपने दुःखो को भूल जाते और हंसते – हंसते विदा पाते थे। कार्यक्रम के प्रारंभ महिला मंडल की बहनो स्वागत गीत के माध्यम से अतिथीयो अभिनन्दन किया।अहिंसा भवन मुख्य मार्गदर्शक अशोक पोखरना और अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल,हेमन्त आंचलिया,रिखबचन्द पीपाड़ा,सुशील चपलोत संदीप छाजेड़ एवं चंदन बाला महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल मंजू पोखरना,संजूलता बाबेल,उमा आंचलिया आदि सभी ने जन्मजयंती समारोहों के अध्यक्ष मीठ्ठालाल सिंघवी,मुख्य अतिर्थी भामाशाह नेमीचंद चौपड़ा,अखिल भारतीय राष्ट्रीय जैन के मंत्री दिनेश भलगट समाज सेवी सुरेश कोठारी,विजयराज गांधी,कंवरलाल सूरिया राष्ट्रीय युवा जैन कॉन्फ्रेंस उपाध्यक्ष प्रवीण बोहरा, प्रकाश कोठारी,जंवरीलाल कोठारी तथा लाड़ जी मेहता, कमला चौधरी,बलवीर चौरड़िया ,निर्मला कोठारी आदि जैन समाज गणमान्य अतिथीयो को शोल माला मोमेंटो देकर बहूमान किया गया।समारोह के प्रारंभ मे महिला मंडल की रजनी सिंघवी,वनिता बाबेल,सुनीता झामड़ ने गीतिका के माध्यम से अतिथीयो और श्रध्दांलूओ का स्वागत किया। निलिष्का जैन बताया इसदौरान अंजना छाजेड,अनु बापना,लता कोठारी ने नाटिका के माध्यम गुरूदेव जीवन का मंचन किया। इसदौरान नेमीचंद चौपड़ा,दिनेश भलगट,लक्ष्मण सिंह बाबेल अशोक पोखरना नीता बाबेल, मंजू पोखरना, संजू लता बाबेल आदि सभी ने जन्म जयंति पर गुरू भगवंतो को याद करते हुये मिश्रीमल जी म.सा. रूपमुनि के जीवन पर प्रकाश डाला। इसदौरान चैन्नाई बैगलोर, पुना, जौधपुर, पाली, उदयपुर चितौड़ गढ़ आदि क्षैत्रों ओर स्थानीय शहर के हजारों श्रध्दांलूओ की जन्मोत्सव समारोह मे उपस्थित रही और सभी ने जीवो और मानव सेवा का संकल्प लिए।