गुंसी, निवाई। गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी के सान्निध्य में भक्तों ने मिलकर शांतिप्रभु की शांतिधारा करके स्वयं को धन्य किया। इस अनुपम दृश्य को देखने के लिए दूर – दूर से भक्तों का यहाँ मेला लगता है। आज की शान्तिधारा करने का सौभाग्य धर्मचन्द पहाड़ी वालों को प्राप्त हुआ। पूज्य गुरु माँ ने अपनी संयम की साधना को दृढ़तर बनाने के लिए अनशन व्रत धारण किया। श्रद्धालुओं को संबोधन देते हुए गुरु माँ ने कहा कि आजकल नीम के वृक्ष तो घटते जा रहे हैं और परिवार में कड़वाहट बढ़ती जा रही है। वाणी में मिठास घटती जा रही है पर शरीर में मिठास (शुगर) बढ़ती जा रही है। जीवन को मधुर बनाने के लिए सर्वप्रथम अप्रिय, कटुक और कठोर वचनों का त्याग करके हित – मित – प्रिय वचन बोलना चाहिए। माताजी ने कहा कि चाय में चीनी डालें या ना डालें, लेकिन वाणी में चीनी जरूर डालें।