इंजिनियर अरुण कुमार जैन
भारत माँ के दिव्य पुत्र हो, शत शत तुम्हें प्रणाम,
एक नया इतिहास रच दिया, इसरो है ‘श्री धाम ‘.
चंद्रयान जो तीन चला था, हरिकोटा से आगे,
पहुँच गया है चंद्रधरा पर ले राखी के धागे.
दक्षिण भाग में गहन अंधेरा,
यह प्रकाश लाएगा,
विक्रम लैंडर अपना प्यारा,
नव इतिहास रचाएगा.
प्रज्ञान रोवर स्पर्श करेगा,
चंद्र धरा को पाहिले,
विक्रम, प्रज्ञान मिलकर,
दिव्य रचेंगे कल ये.
अखिल विश्व में हर्ष बहुत,
आर्यावत मुस्काता है,
भारत की यह अनुपम गाथा,
कोटि कंठ गाता है.
कोटि बधाई, अभिनन्दन,
चंद्रयान मण्डल को,
मोदी जी से साथ रहे जो,
हर भारतवासी को.
आएं सृजन, सफलता पथ पर,
नित प्रति बढ़ते जाएं,
अखिल विश्व में प्रेम, नेह,
मैत्री मुदिता को लाएं.