Saturday, September 21, 2024

तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ स्वामी का मोक्ष कल्याणक मनाया

23 किलो का चढ़ाया निर्वाण लड्डू, 23 परिवारों ने मनाया महोत्सव

जयपुर। राजधानी के दक्षिण भाग में स्थित प्रताप नगर सेक्टर 8 टोंक रोड़ के शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में बुधवार को जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ स्वामी का मोक्ष कल्याणक पर्व श्रद्धा-भक्ति और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य में श्री सम्मेद शिखर की रचना की गई और 23 किलो का सामूहिक निर्वाण लड्डू भगवान पार्श्वनाथ स्वामी को चढ़ाया गया। इससे पूर्व प्रातः 6.15 बजे से भगवान शांतिनाथ स्वामी और भगवान पार्श्वनाथ स्वामी का स्वर्ण एवं रजत कलशों से कलशाभिषेक एवं आचार्य श्री के मुखारविंद भव्य वृहद शांतिधारा कर अर्घ चढ़ाए गए। इस दौरान आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य और पंडित संदीप जैन सेजल के निर्देशन में भगवान पार्श्वनाथ स्वामी का अष्ट द्रव्यों के साथ मंत्रोच्चारण कर पूजन किया गया। अंत में जयमाला अर्घ और पार्श्वनाथ स्वामी की चालीसा का भजन – नृत्य के साथ गुणगान हुआ और 23 किलो का सामूहिक निर्वाण लड्डू व 23 परिवारों द्वारा सवा – सवा किलो के निर्वाण लड्डू मंदिर में सजी श्री सम्मेद शिखर की संजीव झांकी के मुख्य टोंक पर चढ़ाएं गए। इस दौरान आचार्य सौरभ सागर महाराज ने ना केवल भगवान के मोक्ष कल्याणक का महत्व को बताया बल्कि मोक्ष सप्तमी क्यों मनाई जाती है तीर्थंकर भगवानों का मोक्ष कल्याणक क्यों मनाया जाता है पर अपने विशेष उद्बोधन दिए। वर्षायोग समिति अध्यक्ष कमलेश जैन और मंत्री महेंद्र जैन ने बताया की बुधवार को भगवान पार्श्वनाथ स्वामी के निर्वाण महोत्सव के अवसर पर प्रातः 7.30 बजे आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य एवं पंडित संदीप जैन सेजल के निर्देशन में कल्याण मंदिर विधान पूजन भी किया गया। इस पूजन के पुण्यर्जक अमरचंद, गजेंद्र, हर्षिल बड़जात्या परिवार सहित 200 से अधिक श्रद्धालुओं ने पूजन में भाग लिया व भावों को धारण कर जल, चंदन, अक्षत, पुष्प, नेवेध, दीप, धूप, फल, अर्घ के साथ जयमाला अर्घ चढ़ा जिनेन्द्र प्रभु की साजों, बाजों और जयकारों के साथ भजन – भक्ति करते हुए पूजन किया। इस पूजन का विशेष आकर्षण वह बालिकाएं रही जिन्होंने मोक्ष सप्तमी का निर्जल उपवास रखकर भगवान पार्श्वनाथ स्वामी की आराधना की। पूजन के दौरान प्रातः 8.30 बजे आचार्य सौरभ सागर के मंगल प्रवचन हुए और सायं 6.30 बजे आचार्य श्री के सानिध्य में भगवान शांतिनाथ, भगवान पार्श्वनाथ एवं श्री सम्मेद शिखर की भव्य महामंगल आरती की गई। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं ने आचार्य सौरभ सागर महाराज की मंगल आरती का भी गुणगान किया। इसके उपरांत आचार्य श्री के सानिध्य में गुरुभक्ति और शंका समाधान का आयोजन संपन्न हुआ।

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