23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक पर हुए सभी जैन मंदिरों में विशेष धार्मिक आयोजन, चढ़ाया निर्वाण लाडू
विवेक पाटोदी/सीकर। जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक महोत्सव जैन धर्मावलंबियों द्वारा भक्तिभाव से मनाया गया। विवेक पाटोदी ने बताया कि शहर के सभी जैन मंदिरों में प्रातः काल विशेष कलशाभिषेक व शांतिधारा हुई, जिसके पश्चात भगवान पार्श्वनाथ को निर्वाण लाडू समर्पित किया गया। इस विशेष दिवस को मोक्ष सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन छोटी व बड़ी बच्चियां उपवास भी रखती है। मंदिरों में भी विशेष विधान आदि पूजा होती है। प्रदीप बाकलीवाल ने बताया कि शहर के बजाज रोड़ स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर दंग की नसियां में प्रातः विशेष शांतिधारा हुई। निर्वाण लाडू पश्चात कल्याण मंदिर विधान आयोजित किया गया। शशि दीवान ने बताया कि जाट बाजार स्थित दीवान जी की नसियां में प्रातः 111 धर्मावलंबियों द्वारा शांतिधारा की गई। इसके पश्चात निर्वाण लाडू समर्पित किया गया। पंडित जयंत शास्त्री ने बताया कि शहर के नया मंदिर जी प्रातः निर्वाण लाडू समर्पित किया गया व पार्श्वनाथ विधान आयोजित किया गया। सुनील काला ने बताया कि सालासर रोड़ स्थित महावीर स्वामी मंदिर में प्रातः शांतिधारा पश्चात निर्वाण लाडू समर्पित किया गया। निकटवर्ती ग्राम खंडेला स्थित श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र में विशेष धार्मिक आयोजन हुए। महेश काला लालास ने बताया कि प्रातः सर्वप्रथम ध्वजारोहण हुआ, जो शिखरचंद, किशोर कुमार, संजय कुमार, अजय कुमार संगही परिवार द्वारा किया गया। इसके पश्चात श्री दिगंबर जैन सोश्यल ग्रुप द्वारा पार्श्वनाथ विधान किया गया। दोपहर को विधान के पश्चात निर्वाण लाडू समर्पित किया गया व रथयात्रा निकाली गई। विधान व समस्त मांगलिक क्रियाएं पंडित आशीष जैन शास्त्री सीकर द्वारा करवाई गई। श्री दिगंबर जैन भव्योंदय अतिशय क्षेत्र रैवासा के कार्यकारी अध्यक्ष बॉबी छाबड़ा व मंत्री सुनील बड़जात्या ने बताया कि मोक्ष सप्तमी के अवसर पर प्रातः मंदिर जी व नसियां जी में विशेष कलशाभिषेक हुए व पूजन आदि मांगलिक क्रियाएं हुई।