Friday, November 22, 2024

विधान रचाने से लोभ प्रवृत्ति मिटती है: गुरु माँ विज्ञाश्री माताजी

गुंसी, निवाई। श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ, गुन्सी जिला – टोंक (राज.) के तत्वावधान में गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी के सान्निध्य में राजेंद्र जयपुर वालों ने श्री 1008 शांतिनाथ महामण्डल विधान रचाया । बड़े ही भक्ति – भावों से 120 अर्घ्य चढ़ाकर आराधना की गई। प्रतिदिन चल रही शांतिधारा में आज की शांतिधारा देखने जयपुर, निवाई, चाकसू, अजमेर व मित्रपुरा के लोगों ने भाग लिया। अरिष्ट नेमिनाथ भगवान के जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव पर वृहद शान्तिधारा करने का सौभाग्य हर्षचन्द मित्रपुरा वालों को प्राप्त हुआ। गुरु माँ ने प्रवचन देते हुए कहा कि – जो विघ्नों को ध्वंस करें वो विधान है। अष्ट द्रव्य से विधि पूर्वक जो बड़ी पूजन की जाती है उसे विधान कहते हैं। आठों द्रव्य ही संसार के दु:खों से मुक्त होने की प्रेरणा देती है और गृहस्थ जीवन में दान भावना को जागृत करती है। अष्ट द्रव्य पूर्वक विधान रचाने से लोभ या संग्रह की प्रवृत्ति मिटती है। आगामी 23 अगस्त को भगवान पार्श्वनाथ जी के मोक्ष कल्याणक महोत्सव के शुभ अवसर पर 23 किलो का लड्डू चढ़ाया जायेगा।

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