भीलवाड़ा। समय को साध लो जीवन संवर जाएगा। शनिवार अहिंसा भवन शास्त्री नगर को साध्वी प्रितीसुधा ने श्रावक श्राविकाओ को धर्म उपदेश प्रदान करतें हुए कहा कि समय का कौई भरोसा नहीं फिर भी मनुष्य संसार कि वस्तुओं मे जीवन के सुख को ढ़ुढ रहा है।जबकि वस्तुओं से आत्मा को सुख कि प्राप्ति नहीं होने वाली। आत्मा तब सुख भोग सकती है जब मनुष्य प्रमाद का त्याग करके समय का सदउपयोग करेगा तो आत्मा को सुख दिला सकता है। वरना अंत समय उसे प्रश्चाताप के अलावा कुछ नहीं मिलने वाला है।यह समय किसी के लिए कभी रुकता नहीं है। समय रेत के जैसा होता है। एक बार हांथ से फिसल जाए तो फिर वापस उसे अपनी मुट्ठी काबू नहीं रख सकते है। समय अमूल्य है इसे यूही व्यर्थ नहीं गवायें ।साध्वी मधु सुधा ने कहा कि जो व्यक्ति समय रहतें जागरूक होकर साधना मे लग जाता है वो मनुष्य जीवन को सार्थक बनाकर आत्मा को भव सागर पार करवा सकता है। इसदौरान प्रवचन सभा मे अनेक भाई बहनों ने साध्वी उमराव कंवर से उपवास आयंबिल एकासन व्रत के प्रत्याख्यान लिए। तपस्वीयों और धर्मसभा मे पधारे मेहमानों का श्रावक संघ के हेमन्त आंचलिया,अशोक पोखरना,रिखबचंद पीपाड़ा,सुशील.चपलोत संदीप छाजेड़,कुशलसिंह बूलिया,सरदारसिंह कावड़िया, अमरसिंह संचेती,ओमप्रकाश सिसोदिया, सुंदरलाल बापना एवं महिला मंडल कि नीता बाबेल,मंजू बापना,रजनी सिंघवी, मंजू पोखरना,सरोज मेहता,आदि सभी ने स्वागत समान किया। निलिष्का जैन ने बताया कि मरूधर केसरी मिश्रीमल जी महाराज एवं लोकमान्य संत रूपचन्द जी महाराज जन्म जयंती समारोहों पंचदिवस कार्यक्रम के रूप मे दिनांक 23 अगस्त से 27 अगस्त तक अहिंसा भवन शास्त्रीनगर मे भव्य रूप के साथ साध्वी प्रितीसुधा के सान्निध्य मे जन्म जयंती मनाई जाएगी।
प्रवक्ता निलिष्का जैन, भीलवाड़ा