निवाई। सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में बिचला जैन मंदिर मे पांचवें तीर्थकर सुमतिनाथ भगवान का गर्भ कल्याणक महोत्सव अनेक धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाया गया।चातुर्मास कमेटी के प्रवक्ता राकेश संघी ने बताया कि मुनि शुद्ध सागर महाराज के सानिध्य मे गर्भ कल्याणक को लेकर सुबह भगवान सुमतिनाथ की शांतिधारा के साथ कलशाभिषेक किया गया।इसके बाद क्षुल्लक अकंप सागर महाराज द्धारा भगवान के गर्भ मे आने से पूर्व सोलह स्वप्नो का वर्णन कर रत्नवृष्टी के साथ भगवान सुमतिनाथ की विशेष पूजा अर्चना करवाई गई।इस अवसर पर मुनि शुद्ध सागर महाराज ने कहा कि जीवन अमूल्य है।यदि जीवन में सफलता को प्राप्त करना है तो अपने जीवन में अच्छी आदतों को स्थान दें। मुनि शुद्ध सागर ने शनिवार को बिचला मंदिर शांतिनाथ भवन में प्रवचन के दौरान जीवन का सूत्र बताते हुए कहा कि यदि आपको अधिक बोलने की आदत है तो उस पर शीघ्रातिशीघ्र नियंत्रण करें क्योंकि जो अधिक बोलता है उसका कोई भी सम्मान नही करता है।उन्होने कहा कि जितना आवश्यक हो उतना ही बोलो।अन्यता मौन रहने का प्रयास करो मौन से बहुत सारे विवाद तो स्वयं ही टल जाते हैं।मुनि ने कहा कि विधार्थी जीवन बहुत मूल्यवान होता है।विधार्थी जीवन की मेहनत ही भविष्य में महान बना पाएगी।आज के संस्कारो की अल्प पूँजी ही आपको महानता की ओर ले जाएगी।उन्होने कहा कि स्वाभिमान आत्मा का गुण है।धर्म दया से प्रारम्भ होता है।इस अवसर पर अध्यक्ष हेम चन्द संघी समाज के मंत्री महावीर प्रसाद पराणा सुरेन्द्र टौग्या विष्णु बोहरा नवरत्न टौग्या पदम पराना संजय प्रेस महेन्द्र संघी त्रिलोक रजवास पदम पीपलू रामलाल शाह विमल सौगानी शिवराज चेनपूरा नरेश सौगानी सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।