यथा नाम, यथा गुण रत्न थे आचार्य आनंद ऋषि जी: महासती धर्मप्रभा
चैन्नाई। यथा नाम,यथा गुण रत्न थे आचार्य आनंद ऋषि जी एवं उपाध्याय केवल मुनि जी। रविवार साहूकार पेठ के मरूधर केसरी दरबार मे महासती धर्मप्रभा ने श्रमणसंघ के दित्तीय पटट्धर आचार्य आनंद ऋषि जी उपाध्याय केवल मुनि महाराज की जन्म जयंती समारोहों मे गुणगान करतें हुए कहा कि आचार्य श्री ने साधारण परिवार मे जन्म लेकर श्रमणसंघ के महानायक बने।और जैन धर्म की चहु दिशाओं मे अलख जगाई।सूर्य कि तरह तेजस्वीमान और चंद्रमा की तरह शीतल, शांत प्रशांत, गंभीर सरल व्यकितत्व के धनी तो थे ही साथ ही जैन समाज के अलावा छत्तीस ही कौम के लोग आचार्य श्री को भगवान कि तरह मानते थे उनके आचरण मे समग्र विश्व की पवित्रता समाहित थी। उनके जीवन मे भगवान महावीर का अनेकांत वाद, गौतमबुद्ध का करूणावाद,श्रीराम की मर्यादा और वासुदेव श्रीकृष्ण के योग के साक्षात दर्शन हो जाते थे। उन्होंने सदैव जोड़ने में विश्वास किया तोड़ ने नहीं। उनकी साधना के प्रभाव से उन्हें स्पर्श लब्दि व वचन सिध्दी जैसी सिध्दीया प्राप्त थी इतने पड़े पद पर होने के बावजुद आचार्य श्री धनी हो या निर्धन, साक्षर हो या निरक्षर, संत हो या गृहस्थ, सभी के साथ उनका माधुर्य पूर्ण व्यवहार रहा अपने युग के अद्वितीय महान आचार्य रहे। साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा कि आचार्य श्री मे समाज के सर्वतोमुखी विकास के लिए, कुरीतियों के निवारण के लिए जैन समाज को अनेकों हितकारी योजनाएँ दी।उन्होंने दीर्घ काल तक चतुर्विध संघ कुशल संचालन किया। मात्र 13 वर्ष की अल्पायु में संयम के कठोर मार्ग पर अग्रसर होकर जिनशासन की लम्बे समय तक धर्म प्रभावना की। संयम के पथ पर चलते हुए कई परिषहो का सामना करना पड़ा। मगर आप कभी घबराए नही बल्कि कष्टों और परिषहो को झेलते हुए और श्रमणसंघ को एकता के सूत्र मे पिरोकर सभी को सत्य,अहिंसा और धर्म का सदमार्ग दिखाया। इस पावन पवित्र अवसर पर नो, आठ पाचं उपवास के अलावा श्रावक श्राविकाओ ने 221 आयंबिल की तपस्या करके आचार्य श्री के जन्म दिवस पर श्रध्दां के पुष्प अप्रित किये। जन्म जयंती समारोहों के लाभार्थी परिवार चन्दप्रकाश, सुनिल, दिनेश तालेड़ा का श्री एस.एस.जैन संघ साहूकार पेठ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी, कार्याध्यक्ष महावीर सिसोदिया, सज्जनराज सुराणा, हस्तीमल खटोड़, पदमचन्द ललवानी, सुरेशडूगरवाल माणकचन्द खाबिया, बादल चन्द कोठारी, जितेन्द्र भंडारी, मोतीलाल ओस्तवाल, महावीर कोठारी, शांति लाल दरड़ा, देवराज लुणावत, अशोक सिसोदिया, शम्भूसिंह कावड़िया, तारेश बेताला आदि सभी पदाधिकारियों ने लाभार्थी परिवार एवं तपस्वियो को शोल माला पहनाकर बहूमान किया। इसदौरान उपनगरों के. धर्मीचन्द कांठेड़, नेमीचंद कुंकुलोल, पूरण कोठारी, नेमीचंद कोठारी, महावीर गादिया प्रसन्नचन्द्र दुग्गड़, कांतिलाल छल्लाणी, शिवलाल आदि अनेक अतिथीयो की जन्म जयंती समारोह मे उपस्थित रही श्री संघ के कार्याध्यक्ष महावीर सिसोदिया महामंत्री सज्जनराज सुराणा ने आचार्य श्री की जन्म जयंती पर अपने विचार व्यक्त रखे।