भीलवाड़ा। मनुष्य का जीवन सरल होगा तभी जीवन मे सुख आयेंगे है। अहिंसा भवन शास्त्री नगर महासती प्रितीसुधा ने लगातार बत्तीस दिनों से चन्द्र कला की तप आराधना करने वाले तपस्वियाओ और श्रध्दांलूओ को धर्म उपदेश प्रदान करते हुए कहा कि धर्म का मार्ग ही ऐसा मार्ग है जिससे मनुष्य जीवन का निर्माण और आत्मा का उत्थान कर सकता है। तप त्याग से शरीर शुध्द और आत्मा पवित्र बनती है और जीवन मेसरलता आती है मनुष्य जितना सरल और सहज रहेगा उतना ही जीवन का विकास कर सकता।नवदिक्षीता साध्वी संयमसुधा ने भजन के माध्यम से तप की महिमा बताई। श्री संघ के मुख्यमार्ग दर्शक अशोक पोखरना ने बताया कि इसदौरान चन्द्रकला तप कि आराधना करने सभी तपस्वी भाई बहनों का अहिंसा भवन के अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह बाबेल,हेमन्त आंचलिया,सुशील चपलोत,रिखबचंद पीपाड़ा, हिम्मतसिंह बाफना,कूशलसिंह बूलिया और महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल,मंजू पौखरना,रजनी सिंघवी,उमा आंचलिया,अंजना सिसोदिया आदि ने महासती उमराव कंवर साध्वी प्रितीसुधा के सानिध्य मे शोल माला और पारितोषिक देकर तप करने वालो का सम्मान किया। प्रवक्ता निलिष्का जैन बताया कि दिव्य विभूति श्रमण सूर्य मरूधर केसरी मिश्रीमल जी म.सा एवं लोकमान्य संत शेरे राजस्थान रूपचंद जी महाराज की जन्म जयंती समारोहों पंचदिवस आयोजन दिनांक 23 अगस्त से 27 अगस्त तक अहिंसा भवन मे साध्वी प्रितीसुधा के सानिध्य मे जयंती भव्य रूप से मनाई जायेगी।
मीडिया प्रवक्ता निलिष्का जैन, भीलवाड़ा