जयपुर। कानोडिया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत केन्द्र सरकार का कार्यक्रम मेरी माटी मेरा देश, मिट्टी को नमन, वीरों का चंदन” व “तिरंगा अभियान” का आयोजन किया गया। वृहद पौधारोपण अभियान कार्यक्रम का आयोजन कर उस जगह को स्वतंत्रता सेनानी श्री श्याम सुन्दर सुरोलिया स्मृति वन का नाम दिया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. जितेन्द्र श्रीमाली, पार्षद वार्ड न. 150, नगर निगम ग्रेटर व विशिष्ट अतिथि श्रीमती द्रोपदी सुरोलिया सदस्य कानोडिया कॉलेज प्रबंध समिति एवम प्रमोद जैन भँवर भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ आदर्श नगर विधानसभा के संयोजक उपस्थित रहे। इस अभियान का प्राथमिक उद्देश्य स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान और श्रद्धांजलि देना था। अतिथियों ने छात्राओं को पेड़ों का महत्व समझाया साथ ही पर्यावरण संबंधी व अन्य समस्याओं के प्रति सचेत करते हुये ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने व जनभागीदारी बढ़ाने के लिये प्रेरित किया। कार्यक्रम में कॉलेज प्रबंध समिति के सचिव विमल भाटिया, महाविद्यालय निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी व महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल, उप-प्राचार्य (वाणिज्य) डॉ. सुनीता माथुर, उप प्राचार्य (कला) डॉ. मनीषा माथुर, उप-प्राचार्य (विज्ञान) डॉ. रंजना अग्रवाल, उप-प्राचार्य ( महाविद्यालय विकास) डॉ रंजुला जैन तथा अन्य प्राध्यापिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। संजीव सुरोलिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुये छात्राओं को प्रोत्साहित किया। प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता, युवाओं को संवेदनशील होकर कर्तव्य निर्वहन व स्वत्रता सेनानियों के बलिदान के बारे में छात्राओं को अवगत कराया साथ ही उन्होंने बताया मेरी माटी मेरा देश’ पहल भारत आज़ादी के 77वे वर्ष को मनाने के लिए एक अभिनव और रचनात्मक दृष्टिकोण है। पार्षद जितेन्द्र माली ने जनभागीदारी के महत्व को बताते हुए एक भारत-श्रेष्ठ भारत के स्वप्न को पूरा करने की दिशा में युवाओं को प्रोत्साहित किया। हर घर तिरंगा आज़ादी के अमृत महोत्सव का एक अभियान है, जिसका उद्देश्य लोगों को भारत की आजादी के उपलक्ष्य में तिरंगा फहराने के लिये प्रोत्साहित किया गया। राष्ट्रीय ध्वजों का वितरण कर हर घर तिरंगा’ अभियान में छात्राओं को भागीदार बनाया। राष्ट्रीय स्वयंसेविकाओं व महाविद्यालय की छात्राओं ने पौधारोपण किया एवं तिरंगे का वितरण किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. आँचल पुरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।