भीलवाड़ा। नारी मे इच्छा शक्ति हो तो बुलंदियों को छू सकती है। शनिवार दोपहर अहिंसा भवन शास्त्री नगर मे साध्वी प्रितीसुधा ने तृतीय दिवसीय आध्यात्मिक धार्मिक ज्ञान शिविर मे महिलाओं को सम्बोधित करतें हुए कहा कि खाना पिना मौज मस्ती करना ही जीवन का उदेश्य नहीं है। आज दुनिया मे नारी पुरूषों के बराबर कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षैत्रे मे आगे बढ़ रही है। फिर भी उसके जीवन मे सुख और शांति नहीं है। भौतिक सुविधाएं बहुत हैं, लेकिन इसके बावजूद मन की शांति नहीं है। धन-दौलत से संसाधन खरीदे जा सकते हैं, लेकिन शांति नहीं खरीदी जा सकती है। शांति बाजार में बिकने वाली वस्तु नहीं है। केवल मुख से चुप रहने से शांति नहीं मिलती, बल्कि सच्चा सुख-शांति तो तभी मिल सकती है। मन मे प्रसन्न हो।अशांति का कारण ही व्यक्ति का मन है। जब तक मन शांत नहीं रहेगा, तब तक जीवन मे सुख नहीं मिलने वाला है। नौकरी और पढ़ाई के साथ महिलाएं धर्म साधना मे संलग्न रहेगी तो मन शांत घर को मंदिर बनाया जा सकता हैं। रजनी सिंघवी ने बताया कि इसदौरान चंदन बाला महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल, सुमित्रा सिंघवी, सुनीता झामड़, मंजू बाफना, उमा आंचलिया, सरोज महता, बलवीर देवी, लाड़ मेहता, दिलखुश डागलिया, अंनू बापना, लता कोठारी, मीना कोठारी, आशा संचेती, अंजना सिसोदिया, रूपल जैन, सुशीला संचेती, सुशीला छाछेड़ आदि पदाधिकारियों और शहर के कही उपनगरों की जैन समाज की महिलाओं ने धार्मिक शिविर मे भाग लिया और धार्मिक ज्ञान प्राप्त किया। निलिष्का चपलोत ने बताया कि रविवार को आध्यात्मिक धार्मिक ज्ञान शिविर का समापन समारोहों अहिंसा भवन शास्त्री नगर मे साध्वी प्रितीसुधा के सान्निध्य मे रखा जाए । समाज सेवा मे योगदान देने वाली जैन समाज कि महिलाओं को समापन समारोह सम्मानित किया जाएगा।
प्रवक्ता निलिष्का जैन, भीलवाड़ा