Saturday, September 21, 2024

साहित्यकारों से संवाद और रचनाकर्म को अधिकतम तक पहुंचाना और संग्रहण रहेगा ध्येय: डॉ. सहारण

राजस्थान साहित्य अकादमी में प्रारंभ हुआ विजुअल रिकॉर्डिंग स्टूडियो

उदयपुर। राजस्थान साहित्य अकादमी का ध्येय प्रांत के साहित्यकारों के रचनाकर्म और उनके जीवन-संघर्ष एवं वैचारिक संवाद को अधिकतम तक पहुंचाना है और इसी प्रयोजन से शुक्रवार को अकादमी परिसर में विजुअल रिकॉर्डिंग स्टूडियो की विधिवत शुरूआत हुई। अकादमी अध्यक्ष डॉ. दुलाराम सहारण, सरस्वती सभा सदस्य किशन दाधीच, डॉ. मंजु चतुर्वेदी और प्रवेश परदेशी ने फीता काट कर स्टूडियो का उद्घाटन किया। अकादमी के स्टूडियो प्रभारी जयप्रकाश भटनागर ने बताया कि उद्घाटन के तुरंत बाद से ही रचनाधर्मी और कैमरामित्र राकेश शर्मा ‘राजदीप’ के निर्देशन में रिकॉर्डिंग प्रारंभ कर दी। पहले दिन अकादमी के सर्वोच्च मीरां पुरस्कार से समादृत साहित्यकार डॉ. राजेंद्र मोहन भटनागर एवं डॉ. जयप्रकाश पंड्या ज्योतिपुंज से क्रमशः डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू एवं चेतन औदिच्य ने संवाद किया। वहीं विद्वान, लोककला मर्मज्ञ डॉ. महेंद्र भानावत से भी डॉ. जुगनू का संवाद हुआ तो विचारक, विश्लेषक वेददान सुधीर ने ‘साहित्य के मूल प्रश्न’ विषय पर अपनी बात दर्ज की। अकादमी अध्यक्ष डॉ. दुलाराम सहारण ने बताया कि अकादमी में अब निरंतर ऐसी रिकॉर्डिंग विविध विषयों पर होती रहेगी। अकादमी प्रांत एवं देश के साहित्यकार से कविता, कहानी, बहस, परिचर्चाएं आयोजित कर इस रिकॉर्डिंग को अपनी लाइब्रेरी में भविष्य के उपयोग हेतु संरक्षित रखते हुए अकादमी के यूट्यूब चैनल पर संपादित कर जारी करेगी। इससे साहित्यकारों की बात अधिकतम तक पहुंचेगी और दृश्य-श्रव्य दोनों रूप संरक्षित भी होंगे।
रिपोर्ट/फोटो : राकेश शर्मा ‘राजदीप’

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