Saturday, September 21, 2024

अपने घरों को मंदिर और स्वर्ग बनाना स्वंय के हांथों में है: साध्वी प्रितीसुधा

भीलवाड़ा। जीवन मे सावधानी रखोगे तो घर मे खुशहाली लाई जा सकती। गुरूवार को दोपहर अहिंसा भवन शास्त्रीनगर मे तृतीय दिवसीय आध्यात्मिक धार्मिक ज्ञान शिविर में महिलाओं को साध्वी प्रितीसुधा ने धर्म संदेश देतें हुए कहा कि जीवन मे संस्कारो का निर्माण घर से ही प्रांरभ होता है और घर से ही पतन होता है लेकिन छोटी छोटी बातों का ख्याल और ध्यान रखकर धर्म आराधना करे तो अपने घरों को मंदिर और स्वर्ग बनाया जा सकता है। वह तभी संभल हो सकता है जब वह अपने घर को मंदिर समझकर नियमो का पालन करेगी तो घर मे सकारात्मक उर्जा का वास होगा जिसके प्रभाव से घर कि नकारात्मक उर्जा को दूर कि जा सकती है। जीवन मे नियम ना होगे तो घर का वातावरण दुषित और क्लेश हो सकता है। आज आधुनिक सोच और स्वार्थ पूर्ण जीवन शैली के कारण घर का अस्तित्व और परिवार मे बिखराव पैदा हो गये है आज परिवार मे नारी ही नारी की सबसे बड़ी दुश्मन है। नारी को जननी माना गया है, जननी एक ऐसे घर का निर्माण करें जिसमें प्यार की छत हो, विश्वास की दीवारें हों, सहयोग के दरवाजे होगे तो अनुशासन की खिड़कियां होंगी तो परिवार संस्कार वान बन सकता है और घर को मंदिर बनाया जा सकता है इसदौरान धार्मिक आध्यात्मिक ज्ञान शिविर मे अहिंसा भवन चंदन बाला महिला मंडल कि अध्यक्षा नीता बाबेल, मंजू पोखरना, रजनी सिंघवी, सुनीता झामड़, मंजू बाफना उषा बाबेल, ममता रांका, अंनू बापना, रिंकू रांका, सरोज मेहता, कमलेश चौपड़ा ने आदि सभी अपने शिविर मे विचार व्यक्त किये। शिविर मे सैकड़ों जैन समाज कि महिलाओं के साथ अहिंसा भवन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल, अशोक पोखरना, सुशील चपलोत, हेमन्त आंचलिया, हिम्मत सिंह बापना, कूशलसिंह बूलिया आदि पदाधिकारियों उपस्थित रही।

प्रवक्ता निलिष्का जैन, भीलवाड़ा

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article