भीलवाड़ा। अंहकार और घमंड ही मनुष्य के जीवन का पतन करता है शुक्रवार को अहिंसा भवन शास्त्री नगर मे महासती प्रितीसुधा ने सेकड़ों श्रध्दालुओं को धर्म उपदेश देते हुए कहा कि धर्म और जमीन से जुड़ा व्यक्ति जीवन मे उपलब्धियो को हासिल करने के बाद भी घमंड और अंहकार को अपने उपर हावी नहीं होने देता है। परन्तु आज मनुष्य चंद उपलब्धियाओ और धन को पाकर स्वयं को भगवान समझ रहा है ।वो सोचता कि दुनिया मेरे ही भरोसे पर चल रही है। जबकि संसार में किसी के होने नहीं होने पर किसी को कौई फर्क नहीं पड़ने वाला,दुनिया कल पर चल रही थी आज भी चल रही है,और आगे भी इसी तरह चलती रहेगी। जबकि सूर्य, चंद्रमा,धरती,आकाश और वायु जिनके बल बूते पर मनुष्य का जीवन गतिमान है मगर उन्हें कभी न इस बात को जताया ना ही कभी गुमान किया है, तो मनुष्य के पास ऐसा है, क्या जो वो दौलत,शोहरत,सोंदर्य ज्ञान,बुध्दि,बल या एक जमीन के छोटे से टुकड़े पर अभिमान और घमंड कर रहा है । क्या यह सब मनुष्य अपने साथ ले जा सकता है।फिर किस चिज पर मनुष्य को इतना घमंड है ? जबकि यह सब मनुष्य के जीवन के पतन के मार्ग कि वस्तुएं है। जो सुख त्याग मे है वो सुख धन दौलत और वस्तुओं से मनुष्य को सुख नहीं मिलने वाला है।दुनिया मे वही इंसान महान बनते है जिसमे अभिमान और घमंड नही होता है। अहिंसा भवन शास्त्री नगर के अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह बाबेल,मुख्य मार्ग दर्शक अशोक पोखरना ने बताया कि साध्वी प्रितीसुधा के सानिध्य मे दोपहर अहिंसा भवन मे महिलाओ का आध्यात्मिक धार्मिक ज्ञान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमे सैकड़ों महिलाओं और चंदन बाला महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल, रजनी सिंघवी, सुनीता झामड़, उमा आँचलिया, मंजू पोखरना, मंजु बाफ़ना, एकता बाबेल, लाड़ मेहता, वंदना लोढ़ा, सरोज मेहता, अंजना सिसोदिया आशा संचेती, रश्मि लोढ़ा, स्नेह लता बोहरा, बलवीर देवी चौरड़िया, मंजु बंब, रीना सिसोदिया, कांता साँखला, सुशीला छाजेड, पुष्पा सुराणा, निर्मला बुलिया आदि सभी ने धार्मिक ज्ञान शिविर मे भाग लिया और प्रतिदिन एक घंटे सामायिक कि साधना करने का साध्वी प्रितीसुधा से सभी महिलाओं ने सकल्प दिये।
प्रवक्ता निलिष्का जैन
अहिंसा भवन शास्त्री नगर भीलवाड़ा