गुंशी, निवाई। श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी, जिला – टोंक (राज.) के तत्वावधान में भारत गौरव गणिनी आर्यिका रत्न 105 विज्ञाश्री माताजी के ससंघ सान्निध्य में आज की शांतिधारा करने का सौभाग्य अरविंद ककोड़ वालों ने प्राप्त किया। तत्पश्चात उमरावमल किशनगढ़ वालों ने नेहा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में श्री शांतिविधान रचाकर पुण्यार्जन किया। तत्पश्चात गुरु मां ने प्रवचन देते हुए कहा कि गुरु की ऊर्जा शिष्य का विकास करती है। गुरु की मर्मज्ञ वाणी संजीवनी का काम करती है। गुरु की दृष्टि जिस पर पड़ जाये उसका उद्धार हो जाये। गुरु के आशीष से शिष्य की संकल्प शक्ति मजबूत होती है और उस संकल्प शक्ति के बल पर शिष्य सफलता के शिखर चूमता है।