सुनिल चपलोत/चैन्नाई। जिंदगी मानव का इम्तिहान लेती है। बुधवार साहूकार पेठ मे महासती धर्मप्रभा ने सैकड़ों श्रध्दांलूओ को धर्मसंदेश देतें हुए कहा कि आपत्ति और विपत्तियो मे जो इंसान धर्य रखता है वही व्यक्ति संसार मे बुलंदियों को छूता है। समय चाहे कितना भी खराब और बुरा हो पर अपने धैर्य को खोना नहीं चाहिए। मनुष्य के इरादे नैक है तो जीवन मे कितने भी संकट और विपत्ति आ जाए लेकिन धैय और साहस रखने वाला व्यक्ति कभी भी अपना हौसला नहीं खोयेगा। धैर्य ही मनुष्य को जीवन में सभी बाधाओं को पारकर सफलता के सोपान पर ले जाने में सहायक बनता है। इंसान के जीवन मे जितनी भी विपत्तिया और संकट जो आते वह कर्मो के आधार पर ही आते है। जीवन में संघर्ष ना हो तो मनुष्य विपत्तियो और संकटों से मुकाबला करना नहीं जान सकता है। दुःख और विपत्तिया को जो झेल सकता है वो इंसान जीवन मे कितने भी संकट आ जाए वो मरना नहीं चाहेगा। परन्तु परेशानियों से घबरा करके मृत्यु को जो गले लगा लेता है, ऐसे व्यक्ति को परमात्मा के वहा पर भी शरण नहीं मिलती है क्योंकि जीवन एक संघर्ष वही इंसान जीत सकता हो जो संघर्ष और बाधाएं आने पर अपने धैर्य को नहीं खोता है वही इंसान संसार मे महान बनता है। साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा कि विपत्ति में यदि धीरज के साथ काम लिया जाये तो विपदा स्वतः दूर हो जाएगी।बुरा समय व्यक्ति के धैर्य, प्रतिभा, ज्ञान व नैतिकता की परीक्षा लेता है। इस विपत्ति और संकट की परीक्षा मे वही व्यक्ति पास होता है जो धैर्य सूझबूझ के आगे बढ़ता है वही सफलताओं का स्पर्श कर सकता है। धैर्य विहीन व्यक्ति सदैव विचलित रहता है, और जो व्यक्ति धर्म से जुड़ा हुआ रहेगा वह जीवन मे कितनी भी बाधाएं संकट आ जाऐ मुश्किल हालातो में भी धैर्य से समस्याओं का निदान खोज सकता है। इसदौरान धर्मसभा में बैगलोर, महाराष्ट्र राजस्थान आदि क्षैत्रो और के अलावा सिरकाली से प्रदीप गादिया धोबीपेट से ललित मकाणा, सोजतसिटी से पदमचंद थोका तथा चैन्नाई श्री मिश्री रूप सुकन जैन महिला मंडल की अध्यक्षा सुशीला कोठारी, बाबी कोठारी, मधु कोठारी आदि अतिथीयो का श्री एस.एस.जैन साहूकार पेठ के अध्यक्ष एम. अजितराज कोठारी, कार्याध्यक्ष महावीरचन्द सिसोदिया, हस्तीमल खटोड़, सज्जनराज सुराणा, सुरेश डूगरवाल, रमेश दरडा, बादलचन्द कोठारी, जितेन्द्र भंडारी, शम्भूसिंह कावड़िया, अशोक सिसोदिया, पदमचन्द ललवाणी, महावीर कोठारी आदि सभी पदाधिकारीयो ने अतिथीयो और तपस्वियाओ का धर्मसभा मे सम्मान किया।