Sunday, November 24, 2024

जीवन को सुंदर बनाइए: श्रमण श्री विशल्यसागर जी

विशाल पाटनी/भागलपुर। मनुष्य तीन प्रकार के होते है कुछ लोग हैं कुछ लोग तो ऐसे होते है, जो सारी जिंदगी केवल पत्थर तोड़ने का कार्य करते है कुछ लोग हैं जो केवल पेट पाल कर रह जाते है।लेकिन वे लोग विरले होते है जो अपने जीवन को मंदिर बना डालते है, जिस मनुष्य के भीतर क्रोध भरा होगा, जिस व्यक्ति के भीतर गुस्सा होगा, उसे सब गुस्से से भरे दिखाईं पड़ेगें और उसका जबाब भी यही होगा कि पत्थर तोड़ रहा हूँ। ऐसे व्यक्ति अपनी जिंदग़ी को केवल पत्थर बनाते है और पत्थर तोड़ने का कार्य करते है वे अपने जीवन में कुछ हासिल नहीं कर पाते हैं श्री 1008 वासुपूज्य दि. जैन मंदिर भागलपुर में विराजमान झारखण्ड राजकीय अतिथि सराक केसरी श्रमण श्री विशल्सागर जी मुनिराज ने सभी भव्य जनों को संबोधित करते हुए कहा कि तीसरे लोग बड़े विरल पर विलक्षण होते है ये लोग वे होते है जो अपने जीवन के प्रति अहोभाव से भरे होते है जिनका दृष्टिकोण अपने जीवन के प्रति बड़ा सकारात्मक होता है जो अपनी जिदंगी को सकारात्मकता से लेते है।वे सच में अपने जीवन को एक मंदिर बना लेते है।नजरिया के अच्छे होने पर सोच अच्छी होती है।सोच के अच्छे होने पर व्यवहार अच्छा होता है और व्यवहार के अच्छे होने पर जीवन सुंदर बनता है, अतः जीवन को सुंदर बनाइए।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article