Sunday, November 24, 2024

“स्वस्थ्य और निरोग जीवन” की कल्पना के साथ आचार्य सौरभ सागर के सानिध्य में दो दिवसीय “योग शिविर” शुरू

जयपुर। शहर के प्रताप नगर सेक्टर 8 स्थित शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य में शनिवार को प्रातः 6.30 बजे से दो दिवसीय “योग शिविर” का आयोजन प्रारंभ हुआ। स्वस्थ्य और निरोगी जीवन ” की कल्पना को लेकर उपस्थित भक्तों ने आचार्य श्री के सानिध्य में योग के माध्यम से “कैसे रहे रोगमुक्त और दवामुक्त, कैसे बड़े हमारे परिवार और बच्चों की सोचने-समझने की शक्ति” के साथ जीवन जीने का संकल्प लिया गया। मुख्य पांडाल में प्रारंभ हुए शिविर में आचार्य सौरभ सागर महाराज सहित योगाचार्य आलय महाराज एवं मुख्य वक्ता नरेंद्र जैन, आलोक जैन तिजारिया आदि ने “योग” पर विशेष संबोधन देकर उपस्थित श्रद्धालुओं को जीवन में योग के महत्व बताएं। इस शिविर का समापन रविवार को होगा। जिसकी शुरुवात प्रातः 6.30 बजे योग शिविर से होगी और प्रातः 8.30 बजे आचार्य श्री के आशीर्वचन के साथ संपन्न होगा। शिविर में श्री पुष्प वर्षायोग समिति के गौरवाध्यक्ष राजीव जैन गाजियाबाद वाले, अध्यक्ष कमलेश जैन, मंत्री महेंद्र जैन, मुख्य समन्वयक गजेंद्र बड़जात्या, कार्याध्यक्ष दुर्गालाल जैन, कोषाध्यक्ष धर्मचंद जैन, प्रचार मंत्री सुनील साखुनियां, बाबूलाल जैन इटुंदा, राजेंद्र सोगानी, नरेंद्र जैन आवा वाले, महेश सेठी सहित युवा मंडल और महिला मंडल के विभिन्न पदाधिकारी भी सम्मिलित हुए।

स्वस्थ जीवन जीने की सबसे सुंदर कला और विज्ञान है ‘योग’, सभी को सफल जीवन के लिए योग को अपनाना चाहिए: आचार्य सौरभ सागर

शनिवार को अपने संबोधन में आचार्य सौरभ सागर महाराज ने अपने आशीर्वचन देते हुए कहा की – अगर प्राणी को आत्मज्ञान की प्राप्ति करनी तथा शरीर की सभी प्रकार की परेशानियों से दूर रहना है तो उनको अपने जीवन में योग को महत्व देना चाहिए, योग स्वस्थ जीवन व्यतीत करने की सबसे सुंदर और अद्भुत कला और विज्ञान है। योग को धारण करने वाला प्रत्येक मनुष्य ना केवल अपने मन और आत्मा की अनंत क्षमता को बढ़ाते है बल्कि आत्मज्ञान की प्राप्ति कर अपने जीवन को सरल और सफल भी बनाते है। योग करने के बहुत सारे उदाहरण है अच्छी नींद आती है, शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता है, शांति और आनंद की प्राप्ति होती है, मस्तिष्क एकाग्रचित होकर काम करता है, सदैव अच्छे विचारों को धारण करवाता है। मुख्य वक्ता नरेंद्र जैन ने कहा कि योग वह दवाई है जो इस सृष्टि में कोई दूसरा बना ही नही सकता है, इस दवाई से प्राणी खुद का इलाज स्वयं के प्रयासों से कर सकता है, यह इतना सरल है की कोई कही पर भी अपना सकता है, योग के अपनाने से शरीर ना केवल स्वस्थ रहता है बल्कि यह शरीर को लचीला तथा शक्तिशाली बना सकता हैl

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