Sunday, September 22, 2024

शांतिनाथ मंडल विधान कराकर शांति प्रभु की करी आराधना: आर्यिका विज्ञाश्री माताजी

विज्ञा तीर्थ स्थल पर अनेक प्रतिभाए हुई सम्मानित

विमल जोला/निवाई। भारत गौरव श्रमणी गणिनी आर्यिका रत्न विज्ञाश्री माताजी ससंघ का 29 वां साधनामय चातुर्मास श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ में हो रहा है। गुरु माँ के सान्निध्य में रविवार को शांति विधान व शांतिधारा करने का सौभाग्य प्रकाशचन्द बड़जात्या साखून, पवन कुमार जैन सोहेला, कोमलचन्द जैन टोडारायसिंह ने प्राप्त किया। जैन धर्म प्रचारक विमल जौंला ने बताया कि रविवार को सुबह गुरु माँ के दर्शनार्थ सम्मेदशिखर यात्रा संध के संयोजक सुरेश ठोलिया सपत्नीक व समाचार जगत के संयोजक चक्रेश सपत्नीक जयपुर वालों ने विज्ञातीर्थ आकर गुरु माँ का भरपूर आशीर्वाद प्राप्त किया। जौंला ने बताया कि दोपहर में विशद छाया मंच जयपुर समाज की ओर से लगभग 60 -70 श्रद्धालुओं के द्वारा श्री शांतिनाथ महामंडल विधान का आयोजन हुआ। जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने अत्यंत भक्ति भाव से प्रभु व गुरू की भक्ति में झूमते हुये आनंद लिया। इस दौरान गुरु मां ने प्रवचन देते हुए कहा कि धन्य है वह धरती जहां गुरुओं और संतों के चरण पड़ते हैं। यह अपने सातिशय पुण्य का ही प्रभाव है जिसके कारण हम संतों की सेवा कर पाते हैं। सच्चे देव – शास्त्र – गुरू की सेवा, वैयावृत्ति, दान आदि देने का असीम फल स्वर्ग आदि में अपना स्थान सुनिश्चित करना है। और तीर्थ क्षेत्र पर आकर करने वाले का दान दुगुना फल प्रदान करता है। इस दौरान विज्ञाश्री माताजी ने उदाहरण देकर कहा कि एक कुत्ता जिसके गले में पट्टा है वो पालतू है और जिसके गले में पट्टा आदि नहीं है वह फालतू है। एक कुत्ता AC की गाड़ी में घूमता है अच्छा खाता है। यहां तक की अच्छे कपड़ें भी पहनता है। और एक कुत्ता गलियों में घूमता , खाने के लिए तड़पता है। तो ये सब पूर्व कर्म का ही फल है। जो कुत्ता पालतू है उसने पूर्व में दान किया होगा, देव – शास्त्र – गुरु की भक्ति की होगी पर अंतिम समय उसके भाव विपरीत हो गये जिसका फल तिर्यंच पर्याय में जन्म मिला। लेकिन दान का फल भी उसे मिला इसलिए पालतू बना। हम सब भी यदि मन से दान पूजा सेवा करेंगे तो फालतू नहीं बनेंगे। लेकिन हमें न फालतू बनना है न पालतू तो अपने भावों को संभालकर धर्म में लगाये रहे। जिससे हमारा इस मनुष्य भव में जैन धर्म पाना सार्थक हो जाये। जौंला ने बताया कि रविवार को सम्मानीय श्रेष्ठी एवं समाजसेवी चक्रेश जैन सुरेश जैन ठोलिया जयपुर एवं प्रकाश चंद जैन बड़जात्या साखूंन परिवार सहित कई प्रतिभावों का विज्ञा तीर्थ स्थल कमेटी ने साफा पगड़ी माल्यार्पण कर सम्मानित किया। इस अवसर पर मोहनलाल चंवरिया सुनील भाणजा हितेश छाबड़ा योगेन्द्र जैन नरेश बड़ागांव विमल जौंला दिनेश जैन महेश जैन यामिनी छाबड़ा सुनिता बड़ागांव सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

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