सुनिल चपलोत/चैन्नाई। धर्म का आयाम है नैतिकता। शुक्रवार को साहूकार पेठ में साध्वी धर्मप्रभा ने चातुर्मासिक धर्मसभा में श्रध्दालुओं सम्बोधित करते हुए कहा कि नैतिकता और आध्यात्मिका मनुष्य का मानवीय गुण जो उसे गुणगान औंर चारित्रवान बनाता है। बिना नैतिकता के मनुष्य मे आध्यात्मिका नहीं आ सकती है।आज हर व्यक्ति नैतिकता के उपदेश देता है और बड़ी – बड़ी बातें करता है,लेकिन स्वंय में नैतिकता का अभाव है। धर्म के तीन आयाम है, जिसमें नैतिकता एवं उपासना धर्म का सर्वोपरी आयाम बताये गये है आध्यात्मिकता प्राणी मात्र के प्रति समभाव सब में साम्य एकता का अनुभव करना आध्यात्मिकता है। इसमें संप्रदाय, रूप,वेष पंथ स्थान की मान्यता नहीं है। अर्थात बिना भेद भाव के सब के साथ आत्मवत् व्यवहार करना आध्यात्मिकता में धोखा बेईमानी ठगाई भ्रष्टाचार कहीं का नहीं है। नैतिकता का संबंध समाज से होता है नैतिकता समाज के बिना नहीं हो सकती अध्यात्म और उपासना का क्षेत्र व्यक्ति है किंतु नैतिकता का क्षेत्र समाज है नैतिकता का अर्थ है ईमानदारी भ्रष्टाचार करने वाला नैतिकता का जीवन नहीं जी सकता है। नैतिकता के बिना आध्यात्मिकता हो ही नहीं सकती। आज के युग में नैतिकता नाम मात्र की रही है इसके अभाव के कारण ही मानव समाज में आज विसंगतियां जन्म ले रही हैं चारों और अजारकता और अशांति का कारण भी यही हैं। मनुष्य नैतिकता का विकास करें तभी जीवन में मानवीय गुण आ सकते है। साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा कि सामायिक एक ऐसा व्रत है जो मनुष्य के चारित्र निर्माण तो करता ही है आत्मा मे अतिक्रमण के आवरण को हटाने के साथ राग, द्वेष मोह, माया काया को आत्मा से दूर करती है। सामायिक में समभाव आने के प्रश्चात सामायिक मनुष्य की गलतियों को स्वीकार का वो माध्यम है जिससे वह अपना आत्म निरक्षण करके मनुष्य भव सुधार सकता है। सामायिक आत्मा को जगाकर उसे पवित्र बनाती है। अगर मनुष्य शुध्द भावों के साथ सामायिक कि साधना करता है तो आत्मा कभी भी मैली नहीं हो सकती है। श्री संघ के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने बताया कि बैगलोर पुना आदि क्षैत्रो के साथ सिरकाली और कहीं उपनगरों के अतिथीयो की धर्मसभा उपस्थित रही। सभी अतिथीयो का श्री एस.एस.जैन संघ के अध्यक्ष एम. अजितराज कोठारी, सुरेश डूगरवाल, सज्जनराज सुराणा, देवराज लुणावत, महावीर कोठारी, माणक चन्द खाबिया, बादलचन्द कोठारी, हस्तीमल खटोड़, जितेन्द्र भंडारी, शम्भूसिंह कावड़िया, भरत नाहर, अशोक सिसोदिया आदि पदाधिकारियों ओर महिला मंडल ने स्वागत किया। इसदौरान तमिलनाडु जैन कॉन्फ्रेंस युवा शाखा के अध्यक्ष आनन्द बलेचा, हरीश खारीवाल, नवीन खारीवाल, अजीत कोठारी, महेंन्द्र सेठिया ने साध्वी धर्म प्रभा के सानिध्य मे बच्चों सुसंस्कार बनाने के लिए प्रतियोगिता पोस्टर का विमोचन किया गया जिससे बच्चे धर्म स्थान पर आकर सुसंस्कार बने सबसे चातुर्मास मे सबसे अधिक नियम लेने वाले बच्चों जैन कॉन्फ्रेंस के.द्वारा पुरस्कार प्रदान किये जाएगे ।