विमल जोला/निवाई। श्री बिचला जैन मंदिर में चातुर्मास कर रहे जैन मुनि शुद्ध सागर महाराज ने कहा कि संसार का सबसे बड़ा सुख स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि संसार में विघमान प्रत्येक वस्तु परिवर्तनशील है। जन्म से लेकर मृत्यु तक प्रत्येक जीव की कहानी परिवर्तन से जुडी हुई है। जैन मुनि शुद्ध सागर महाराज शुक्रवार को शांतिनाथ भवन में धर्म सभा में श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे उन्होंने कहा कि जहाँ निरंतर संसरण हो, परिवर्तन हो, उसे संसार कहते हैं। सृष्टि की दृष्टि से विचार करें तो वह भी परिवर्रतनशील है। संगति भी आदमी के जीवन में परिवर्तन पैदा कर देती है। उन्होंने कहा कि संसार में सब कुछ परिवर्रतनशील है। चातुर्मास कमेटी के प्रवक्ता विमल जौंला ने बताया कि प्रवचन सभा से पूर्व श्रद्धालुओं द्वारा मंगलाचरण करके दीप प्रज्वलित किया एवं आचार्य गुरु विशुद्ध सागर महाराज की तस्वीर का लोकार्पण करके पूजा अर्चना की। सभा के पश्चात जिनवाणी मां की स्तुति की गई।