Monday, November 25, 2024

ज्यादातर अपराध क्रोध या आवेश में हो जाते है: मुनिश्री आदित्य सागर महाराज

प्रकाश पाटनी/भीलवाड़ा। दिगम्बर मुनिश्री आदित्य सागर महाराज ने शुक्रवार अपरान्ह जिला कारागार परिसर में बन्दियों को अपने जीवन में सुधार लाने एवं अच्छे नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि ज्यादातर अपराध क्रोध या आवेश में हो जाते है। अगर कोई अपराध किया है या क्रोधवश हो गया है तो उसका अपने मन में पश्चाताप करना चाहिए एवं बार-बार मन में यह दोहराना चाहिए कि ऐसा कार्य भविष्य में नही करुंगा। मैं समाज का एक अंग हूं एवं सामाजिक तथा नियमानुसार अपना भावी जीवन व्यतीत करुंगा। मुनिश्री ने कहाकि सत्य की राह पर चलो जल्दी ही बाहर निकल जाओगे। कोई अपराध हो गया है तो उसे केवल तुम ही जानते हो और दूसरा कोई नहीं जानता इसलिए सत्य बोलकर अपराध स्वीकार करने में सजा भी कम हो सकती है। कारागार में अपना समय अच्छे आचरण से निकाले, भारतीय कानून में तो अच्छे आचरण पर दण्ड अवधि में भी छूट के प्रावधान है।
संयोजक सुभाष हुमड ने बताया कि अपरान्ह डेढ बजे मुनि आदित्य सागर, अप्रमित सागर, सहजसागर महाराज आर के कॉलोनी स्थित दिगम्बर जैन मंदिर से विहार कर जिला कारागार में पहुंचे। यहां पर जेल अधीक्षक भैरू सिंह राठौड़, जेलर मुकेश जारोटिया, एवम अन्य कर्मचारियों ने मुनि संघ का स्वागत किया। दिगंबर जैन समाज आर के कॉलोनी ट्रस्ट बोर्ड की ओर से जेल में 325 कैदियों को फल एवं बिस्किट का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर नरेश गोधा, अजय बाकलीवाल, राकेश पंचोली, राजकुमार सेठी, दिनेश बज, चेनसुख शाह, निलेश छाबड़ा, राजकुमार अजमेरा आदि उपस्थित थे।

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